नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में अगले कुछ दिनों में मानसून दस्तक दे सकती है. इसलिए इस बार दिल्ली में लोगों को जलभराव की समस्या का सामना ने करना पड़े इसको देखते हुए एमसीडी ने 688 नालों की डी-सिल्टिंग को तेजी से पूरा कर रही है. अभी तक 90 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा गाद नालों से निकाली जा चुकी है. इस बार एमसीडी ने मानसून की भारी बरसात को ध्यान में रखते हुए 73 पंपिंग स्टेशन की स्थापना की है. साथ ही 600 से अधिक मोबाइल पंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं. ताकि जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो.
एमसीडी ने बताया कि दिल्ली के अंदर मानसून की दस्तक के बाद लोगों को जलभराव के चलते लोगों परेशानियों का सामना न करना पड़े इसके लिए एमसीडी के द्वारा विभिन्न प्रकार के इंतजाम किए गए हैं. निगम के अंतर्गत आने वाले नालों में डिसिल्टिंग का काम तेजी से किया जा रहा है और जल्दी से पूरा कर दिया जाएगा. निगम ने अपने अंतर्गत आने वाले छोटे नालों की डिसिल्टिंग को लेकर अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं. काम भी तेजी से किया जा रहा है. निगम के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी छोटे नालों से अब तक निगम ने कुल 91380.25 गाद निकाल लिया है. मानसून की दस्तक को देखते हुए अधिकारियों को नालों की सफाई के मद्देनजर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए है.
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दिल्ली नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि अकेले दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्र में निगम के द्वारा 275 छोटे नालों की सफाई अब तक की जा चुकी है. उत्तरी दिल्ली के क्षेत्र में 195 नालों की सफाई निगम के द्वारा पूरी तरीके से कर दी गई है. जिसमें 9920 देशों में दोनों मेट्रिक टन गाद निकाली गई है. जबकि पूर्वी दिल्ली के क्षेत्र से 218 नालों की सफाई पूरी हो चुकी है. जिसमें 46415.33 मेट्रिक टन गाद निकाल कर ड्रेन को पूरी तरीके से साफ किया गया है. जलभराव की समस्या से निपटने के मद्देनजर निगम के विशेष अधिकारी और कमिश्नर द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि मानसून में कहीं पर भी जलभराव होने के दौरान 24 घंटे में उस जलभराव को तुरंत समाप्त किया जाए. समस्याओं का पूर्ण तरीके से समाधान किया जाए.