नई दिल्ली : राजधानी के तीनों नगर निगमों को दोबारा एकीकृत किया जाएगा. जिसके चलते दिल्ली नगर निगम चुनाव लंबे समय के लिए टल गए हैं. ऐसे में तीनों निगमों की प्रशासनिक व्यवस्था देखने के लिए एक स्पेशल ऑफिसर की तैनाती की जाएगी. इस अफसर को विशेष अधिकार और शक्तियां दी जाएंगी. यह स्पेशल ऑफिसर पर एकीकृत निगम में नई सरकार के गठन तक तमाम प्रशासनिक व्यवस्थाओं को संभालने का काम करेगा.
जनता से जुड़ी सभी समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी भी स्पेशल ऑफिसर की ही होगी. नई सरकार के गठन होने तक दिल्ली की जनता ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेगी. जिसका समाधान 48 से 72 घंटे में होगा. फिलहाल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लगातार निगमों की एकीकरण की प्रक्रिया और समय को लेकर सवाल उठा रही है. इसके उलट बीजेपी नगर निगम की आर्थिक बदहाली को देखते हुए एकीकरण की प्रक्रिया का समर्थन कर रही है.
यह भी पढ़ें- बैतूल में घटी एक अद्भुत खगोलीय घटना, लोगों ने मोबाइल में कैद किया वीडियो
लोकसभा में तीनों नगर निगमों के एकीकरण का विधेयक पास किया जा चुका है. जिसे आगामी सप्ताह में राज्यसभा में पेश किया जाएगा. उच्च सदन में इसके पास होते ही निगमों के एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके बाद वार्डों के गठन के लिए परिसीमन की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी. जिसके बाद चुनाव कराए जा सकेंगे. इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक साल का समय बीत सकता है. निगम के एकीकरण के बाद नई सरकार के गठन होने तक निगम की सारी व्यवस्थाएं विशेष अफसर के जिम्मे होंगी. माना जा रहा है कि इस काम के लिए केंद्र सरकार अपने किसी भरोसेमंद अफसर को नियुक्त कर सकती है. इस अधिकारी के सहयोग के लिए केंद्र सरकार एक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन कर सकती है. जिसके तमाम सदस्य बीजेपी के खास लोग और चुनिंदा अफसर भी हो सकते हैं.