नई दिल्लीः सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से चल रहा है. किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. आंदोलनकारियों को सहयोग करने के लिए संस्थाएं लंगर लगाकर मदद कर रही हैं.
जरूरत के अनुरूप मिल रही है सुविधा
आंदोलन में एक लंगर ऐसा भी है, जिसका नाम सिख ढाबा रखा गया है. इसमें कुर्सी और मेज की व्यवस्था की गई है. लंगर के संचालक ने बताया कि बड़ी संख्या में बुजुर्ग किसान भी आए हैं, जो जमीन पर अच्छी तरह से बैठकर खाना नहीं खा सकते, उन्हें बैठने में दिक्कत होती है. कुछ लड़के टाइट जींस भी पहने हुए होते हैं, वह भी पहनावे के अनुसार जमीन पर बैठकर खाना नहीं खा सकते हैं. ऐसे लोगों के लिए लंगर खाने के लिए मेज व कुर्सी की व्यवस्था की है.
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सबका मिल रहा है सहयोग
वहीं, बच्चों और जिन्हें बैठने में दिक्कत नहीं है, वह लाइनों में बैठकर जमीन पर भोजन कर रहे हैं. कुछ नौजवान, जब कुर्सी नहीं मिलती, लंगर लेकर खड़े होकर ही सड़कों पर खाते हुए दिखाई देते हैं. संचालक ने कहा कि मेज-कुर्सी की व्यवस्था को आगे और बढ़ाएंगे. उससे पहले आशा है कि सरकार मान जाएगी और तीनों कृषि कानून वापस हो जाएंगे.