नई दिल्ली: कृषि विधेयक पर हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे और किसान की बेटी वाले बयान पर दिल्ली की सिख राजनीति गरम है. पूर्व में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर चुनाव लड़ चुके दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आरोप लगाया है कि मौजूदा समय में शिरोमणि अकाली दल अपनी जमीन खो चुका है. कौर के इस कदम को भी उन्होंने चुनावी स्टंट बताया है और कहा है कि यह पंजाब के लोगों का विश्वास जीतने की एक नाकाम कोशिश है.
शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मनजीत सिंह जीके ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल आज उसी विधेयक का विरोध कर रहा है जिसकी तारीफ में 1 हफ्ते पहले सुखबीर सिंह बादल कसीदे पढ़ रहे थे. अब जो कि उन्होंने देखा कि पंजाब के किसान सीधे तौर पर उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तब वह इसके विरोध में आ गए हैं. हालांकि यह भी पूरी तरह नाकाम कोशिश है.
'किसानों की हितैषी नहीं है अकाली दल'
जीके ने कहा कि पंजाब के लोगों को अब समझ में आ गया है कि शिरोमणि अकाली दल किसानों का हितैषी नहीं है. इसके पीछे उन्होंने बादल सरकार के होते हुए पंजाब में हुई मौतों का आंकड़ा भी दिया. जीके ने कहा कि आज भी हजारों किसान बिल के विरोध में बादल के घर पर बैठे हैं. लेकिन सरदारनी हरसिमरत कौर बादल इस्तीफा देकर ही अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाह रही हैं.
जीके ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल अपनी ताकत खो चुका है और मौजूदा समय में कौर का इस्तीफा अपनी ताकत को वापस पाने की एक नाकाम कोशिश है. उन्होंने यह भी मांग की कि सबसे पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए.