नई दिल्ली: दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली बार काउंसिल, बार एसोसिएशन, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईएसीएल) के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में गहलोत ने दिल्ली सरकार की अधिवक्ता कल्याण निधि योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की.
35 कैशलेस क्लेम निपटाया
बैठक के दौरान मंत्री गहलोत ने बताया कि एनआईएसीएल ने 31,92,361 लाख रुपये के 35 कैशलेस क्लेम को पहले ही निपटा दिया है. उन्होंने बताया कि 7.3 लाख रुपये के 14 प्रतिपूर्ति दावे भी जल्द ही हल किए जाएंगे. इन दावों में -21 अधिवक्ताओं के हैं और 28 उनके आश्रितों के, इसके अलावा, एलआईसी के अधिकारियों ने बताया कि पॉलिसी प्रमाण पत्र 21,989 अधिवक्ताओं को भेजे गए हैं. वहीं एनआईएसीएल के अधिकारियों ने बताया कि 22,467 अधिवक्ताओं को पॉलिसी प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं.
मिल रही है सकारात्मक प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2019 में मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना की घोषणा की थी. यह योजना दिल्ली में पंजीकृत अधिवक्ताओं के लिए ग्रुप (टर्म) इंश्योरेंस प्रदान करती है. इसके अंतर्गत प्रति वकील 10 लाख का जीवन बिमा मिलता है और अधिवक्ता, उनके पति या पत्नी और दो आश्रित बच्चों के लिए 25 वर्ष की आयु तक 5 लाख के बीमा फैमिली फ्लोटर राशि का ग्रुप मेडिक्लेम कवरेज मिलता है.
अधिवक्ता कल्याण निधि योजना प्रतिक्रिया मिली
कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण निधि योजना को बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और योजना अंतर्गत क्लेम के निपटारे में भी सकारात्मक रूप से प्रगति हुई है. दिल्ली सरकार उन अधिवक्ताओं को एक और अवसर प्रदान करने की योजना बना रही है जो पहले चरण में अपना पंजीकरण नहीं करा सकें थे.