नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को अपने इलाज के लिए अस्पताल चुनने की इजाजत दे दी है. जस्टिस विभू बाखरु ने अतुल सेंगर के वकील से कहा कि अगर वे निजी अस्पताल का चयन करते हैं, तो इलाज का पूरा खर्च उन्हें खुद वहन करना होगा. मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.
रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दस-दस साल की सजा
पिछले 13 मार्च को तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सेंगर और अतुल सेंगर समेत सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है. रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी. 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.
कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा मिली है
तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर की दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका लंबित है.