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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस योग में करेंंगे पूजा तो जीवन खुशियों से भरपूर हो जाएगा

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Published : Aug 24, 2021, 9:16 AM IST

Updated : Aug 26, 2021, 8:46 AM IST

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सोमवार, 30 अगस्त, 2021 को मनाई जाएगी. कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी या कृष्णष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की जयंती का प्रतीक है. जन्माष्टमी के अगले दिन लोग दही का त्योहार मनाते हैं. हिंदी पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः 07.47 बजे के बाद हर्षण योग बन रहा है.

Krishna Janmashtami will be celebrated on Monday 30 August 2021
कृष्ण जन्माष्टमी

नई दिल्ली: श्री कृष्ण जन्माष्टमी का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. इस दिन लोग भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को उपवास और बिना उपवास के बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.

इसीलिए हर साल भादो की कृष्ण अष्टमी के दिन श्री कृष्ण की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन लोग मंदिरों और घरों में विधि-विधान से भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं.

शुभ मुहूर्त

साल 2021 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा. हिंदी पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः 07.47 बजे के बाद हर्षण योग बन रहा है. ज्योतिष में हर्षण योग को अत्यंत शुभ माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर्षण योग में किए जाने वाले सभी कार्यों में सफलता मिलती है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृतिका और रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा.

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 29 अगस्त रविवार को रात 11.25 बजे से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी 30 अगस्त, सोमवार को दोपहर लगभग 1.59 बजे अष्टमी तिथि समाप्त होगी. धार्मिक मान्यता है कि श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में हुआ था.

शास्त्रों के अनुसार उदय तिथि को सदैव व्रत रखना चाहिए. इसलिए 30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत और पर्व मनाया जाएगा. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक चलेगा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रोहिणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद ही करना चाहिए. अगले दिन यानी 31 अगस्त को सुबह 09.44 बजे रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो जाएगा. इसलिए इसके बाद व्रत पारण करना चाहिए.

यह है पूजा कार्यक्रम का विवरण

श्री कृष्ण जयंती तिथि - सोमवार, अगस्त 30 अगस्त, 2021

निशिता पूजा का समय - 11:59 अपराह्न से 12:44 पूर्वाह्न, 31 अगस्त

अष्टमी तिथि शुरू - 29 अगस्त 2021 को रात 11:25 बजे

चंद्रोदय क्षण - 11:35 अपराह्न कृष्ण दशमी

दही हांडी मंगलवार, अगस्त 31, 2021

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पूजा की विधि

जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य रूप की पूजा की जाती है. सबसे पहले भगवान को दूध, दही, शहद और जल से स्नान कराया जाता है. भगवान को पीतांबर रंग पसंद है, इसलिए उन्हें पीतांबर वस्त्र धारण कराया जाता है. इसके बाद भगवान का श्रृंगार कर उन्हें झूले में बैठाया जाता है. जिसके बाद गोपाल पर चंदन-फूल चढ़ाकर पूजा की जाती है.

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क्या होता है हर्षण योग

जैसा कि नाम से ही पता चलता है हर्ष यानी प्रसन्नता. इसलिए इस योग में किए गए कार्य खुशी ही प्रदान करते हैं. यह योग शुभ माना जाता है.

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Last Updated : Aug 26, 2021, 8:46 AM IST
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