नई दिल्ली : राजधानी में कई जगहों पर नकली पुलिसकर्मी बनकर ठगी एवं लूटपाट की वारदातों को अंजाम दिया जाता है. पुलिस के हाव-भाव की जानकारी रखने वाले शख्स ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं. लोग उनसे डर जाते हैं जिसकी वजह से वह वारदात को अंजाम देने में कामयाब रहते हैं. मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान की मानें तो लोगों को अगर अपने अधिकार की जानकारी हो तो वह ऐसे गैंग से बच सकते हैं. इसके लिए वह लोगों को जागरूक करने की कोशिश भी कर रहे हैं.
मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि हाल ही में उनके क्षेत्र डीबीजी रोड में 75 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया गया था. इस मामले की जांच के दौरान पीड़ित ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उसे रोका था. हाव भाव से वह पुलिस वाले ही लग रहे थे. इस मामले में उनकी टीम ने कड़ी मेहनत करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर 60 लाख रुपये बरामद कर लिए थे. गिरफ्तार आरोपियों में यूपी पुलिस का एक मुखबिर शामिल था. पुलिसकर्मियों के साथ रहने के चलते वह उनके अंदाज से वाकिफ था. इसका फायदा उठाकर उसने पुलिसकर्मी बनकर वारदात को अंजाम दिया.
क्या बरतनी चाहिए सावधानी ?
*वर्दी में अगर कोई पुलिसकर्मी आपको रोके तो आप उसका नेम प्लेट अवश्य देख लें.
*अगर बिना वर्दी कोई पुलिसकर्मी जांच के लिए रोके तो उससे आई कार्ड मांगकर यह सुनिश्चित करें कि वह पुलिसकर्मी है.
*किसी भी अवस्था में बीच सड़क पर अपने सामान की जांच न करवाएं.
*ऐसे पुलिसकर्मी को पूछताछ के लिए थाने या पुलिस बूथ में चलने को कहें.
*अगर आपको उनके ऊपर शक हो तो तुरंत शोर मचाकर लोगों को एकत्रित करें, इससे पता चल जाएगा कि वह असली पुलिस है या नकली.