नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले पर सीबीआई और ईडी की ओर से दाखिल केस के आरोपी कार्ति चिदंबरम की विदेश जाने की अनुमति देने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने सीबीआई और ईडी को 29 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
आज सुनवाई के दौरान इस मामले के आरोपी और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम अपना बेल बांड भरने के लिए उपस्थित नहीं हुए. वे दिल्ली हाईकोर्ट में एक दूसरे केस में व्यस्त थे. उनकी तरफ से पेश वकील आयुष अग्रवाल और हर्ष मित्तल ने पी चिदंबरम को आज पेशी से छूट देने की मांग की. इसके बाद कोर्ट ने पी चिदंबरम को कल यानि 29 मार्च को पेश होने का आदेश दिया. कार्ति चिदंबरम की ओर से वकील अक्षत गुप्ता ने कहा कि कार्ति को एक अप्रैल से विदेश यात्रा पर जाना है. तब कोर्ट ने ईडी और सीबीआई को 29 मार्च को ही जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
23 मार्च को कोर्ट ने पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत दी थी. दोनों इस मामले में अग्रिम जमानत पर चल रहे थे. 7 नवंबर को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया था. ईडी की ओर से दाखिल केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं. इनके अलावा मेसर्स पद्मा भास्कर रमन, मेसर्स एडवांटेजेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है.
वहीं सीबीआई की ओर से दाखिल केस में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा अशोक कुमार झा, कुमार संजय कृष्णा, दीपक कुमार सिंह, राम शरण, ए पलनिअप्पन, मेसर्स ऐस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मेसर्स मैक्सिस मोबाइल एसडीएन बीएचडी, मेसर्स भूमि अरमादा बेरहाद, भूमि अरमादा नेविगेशन एसडीएन बीएचडी, टी आनंद कृष्णन, अगस्तस राल्फ मार्शल, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड, एस भास्करन और वी श्रीनिवासन शामिल हैं.
ये भी पढ़ें : दिल्ली एयरपोर्ट पर पोल से टकराया विमान, हादसा टला
5 सितंबर 2019 को इस मामले की सुनवाई करनेवाले तत्कालीन जज ओपी सैनी ने एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी. उसके बाद 6 सितंबर 2019 को जज ओपी सैनी ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था. दरअसल 6 सितंबर 2019 को ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था. लेकिन ईडी और सीबीआई दोनों ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर 2019 के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी.
सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं। जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा. जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा.