नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले की आरोपी नताशा नरवाल की एक मामले में मिली जमानत शर्तों में बदलाव करते हुए दिल्ली से बाहर जाने की अनुमति दे दी है. यह फैसला एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने सुनाया है. इससे पहले 18 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान नताशा नरवाल के वकील अदीत एस पुजारी और कुणाल नेगी ने कहा कि याचिकाकर्ता को एफआईआर नंबर 50 में सितंबर 2020 में जमानत दी गई थी. जमानत की शर्तों में कहा गया था कि वो कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली के बाहर नहीं जाएगी. इस पर वकील ने कोर्ट से कहा था कि नताशा नरवाल का घर हरियाणा के रोहतक में है. वे पीएचडी कर रही हैं. नताशा को रिसर्च के काम से दिल्ली के बाहर जाने की जरूरत होती है. ऐस में इस काम के लिए उसे हर बार कोर्ट की अनुमति लेनी होगी.
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कोर्ट में नताशा के वकील नेगी ने कहा कि इस एफआईआर के अलावा एफआईआर नंबर 48 और 59 में भी उसे जमानत मिली हुई है, लेकिन दोनों में दिल्ली से बाहर नहीं जाने वाली शर्त नहीं लगाई गई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या हाईकोर्ट ने दूसरे आरोपी देवांगन कलीता को जमानत देते समय में शर्त लगाई है. जवाब में नेगी ने कहा कि नहीं.
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कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा कि जब वे पीएचडी कर रहे थे तब दिल्ली में थे. उस समय साजिशें रच रहे थे. जिसकी वजह से कई जानें गईं. वे पीएचडी करने के नाम पर साजिशें रच रहे थे. साजिशकर्ता साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए बड़े खतरनाक होते हैं. वे जेएनयू में पढ़ते हैं और उनका नागरिकता संशोधन कानून से कोई लेना-देना नहीं है. वे मुस्लिम समुदाय से भी संबंध नहीं रखते हैं, लेकिन वे हर जगह जाना चाहते हैं. ऐसे में कोर्ट को उन पर नजर रखनी चाहिए.
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दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि आरोपी के खिलाफ असाधारण मामले हैं. दूसरे मामलों में शर्त नहीं लगाई गई है, तो एक में लगी शर्त ही काफी है. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह जमानत याचिका नहीं है. जमानत की शर्तों में बदलाव के लिए याचिका दायर की गई है. इस पर नताशा के वकील नेगी ने कोर्ट से कहा कि आरोपी जब भी दिल्ली के बाहर जाएगी तो वो जांच अधिकारी को सूचना देकर जाएगी. उसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि दिल्ली हिंसा के मामले में नताशा नरवाल को हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है.