नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की बैठक आयोजित की गई. मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में विवादित पाठ्यक्रम 'काउंटर टेररिज्म' सहित कई मुद्दों को पारित कर दिया गया है. अब यह पाठ्यक्रम इंटरनेशनल रिलेशनशिप के साथ इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इस पाठ्यक्रम के जरिए छात्रों को आतंकवाद से निपटने के तरीके और तकनीकी भूमिका की जानकारी दी जाएगी. बता दें कि इस पाठ्यक्रम का शिक्षक संगठन और छात्र संगठन विरोध कर रहे थे.
बता दें कि इससे पहले 17 अगस्त को आयोजित हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में इन 3 नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी मिल चुकी है. वहीं अब इन तीनों पाठ्यक्रमों को आज हुई एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में भी मंजूरी दे दी गई है. इसमें 'प्रमुख शक्तियों के बीच काउंटर टेररिज्म, एसिमेट्रिक कॉन्फ्लिक्टस एवं सहयोग के लिए रणनीतियां 21वीं सदी में भारत का उभरता वैश्विक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय संबंध में वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी का महत्व शामिल है.
बता दें कि इससे पाठ्यक्रम में इस्लामिक, कट्टरपंथी, वैश्विक और धार्मिक आतंकवाद नेटवर्क को शामिल किया गया है जिसे छात्र पढ़ेंगे. इसके साथ छात्र आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति बनाना भी सीखेंगे. वहीं इस प्रकार के पाठ्यक्रम को लेकर शिक्षक संगठन व छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने इस पाठ्यक्रम को लेकर चल रहे विवाद पर सफाई देते हुए कहा था कि 'काउंटर टेररिज्म' पाठ्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को आतंकवाद से कैसे निपटा जा सकता है और इसमें वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भूमिका होगी यह पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि इस पाठ्यक्रम को लेकर कुछ शिक्षक संगठन और छात्र बेवजह तूल दे रहे हैं.
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