नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों का विश्वविद्यालय खुलने का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कैंपस खोलने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है. जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से छात्रों को कैंपस आने की अनुमति दी जाएगी. पहले चरण के तहत 6 सितंबर से कैंपस छात्रों के लिए खोला जा रहा है. इसके अलावा डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी भी खुल रही है. दिल्ली सरकार ने 1 सितंबर से स्कूल और कॉलेज खोलने की अनुमति दी है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने चरणबद्ध तरीके से 6 सितंबर से कैंपस खोलने का फैसला किया है. इसके तहत सभी फाइनल ईयर पीएचडी छात्रों को थीसिस 31 दिसंबर तक जमा करना है, उन्हें कैंपस आने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा दिव्यांग पीएचडी स्कॉलर को भी कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति दे दी गई है. वहीं 50 फ़ीसदी सीटिंग क्षमता के साथ डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी के रीडिंग रूम को खोलने का फैसला किया गया है.
इसके अलावा स्कूल और सेंटर की लाइब्रेरी फिलहाल बंद रहेगी. स्थिति को देखने के बाद ही इसे खोलने का फैसला बाद में लिया जाएगा. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि कैंपस आने पर सभी छात्रों को एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा. साथ ही उन्हें आरटी - पीसीआर रिपोर्ट भी देनी होगी जो 72 घंटे के भीतर की होनी चाहिए.
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी और कैंपस रि-ओपनिंग के दौरान डीडीएमए के द्वारा जारी किए गए कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि जो भी छात्र या शिक्षक कंटेनमेंट जोन में रहते हैं उन्हें विश्वविद्यालय आने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति कोविड-19 इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दौरान कहा है कि ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग एक्टिविटी जारी रहेगी.
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