नई दिल्ली: जामिया की सैकड़ों छात्राओं ने शिक्षाविद, प्रशासक, मजिस्ट्रेट के रूप में अपनी दक्षता साबित की है. जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में खुद को स्थापित किया है. जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने ये बातें कहीं. माैका था जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय काे 101वें स्थापना दिवस का. इस अवसर पर उन्हाेंने सभी को शुभकामनाएं दी.
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय काे 101वें स्थापना वर्ष के मौके पर दुल्हन की तरह सजाया गया है. इस मौके पर विश्वविद्यालय में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कहा कि जामिया ने हमेशा महिलाओं की शिक्षा और उन्नति को बढ़ावा देने के विचार को अपनाया है. छात्राओं को उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने और उनकी रुचियों को विकसित करने के अवसर प्रदान करता है.
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उन्हाेंने कहा कि जामिया अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के साथ देश के शीर्ष छह विश्वविद्यालयों में से एक है. यह जामिया के महान संस्थापकों को सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि है. कुलपति ने बताया कि वर्ष 1920 में इसकी शुरुआत हुई थी. जामिया ने समाज के सभी वर्गों के लिए हुनर और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया है.
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कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति अपनाने के साथ पाठ्यक्रमों में कई बदलाव किए जाएंगे. आने वाले समय में विश्वविद्यालय में नए कोर्स आएंगे जिससे कि छात्रों को बेहतर विकल्प मिलेगा. उन्हाेंने बताया कि फिलहाल फाइनल इयर साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए ही कैंपस से खोला गया है. अन्य छात्रों के लिए कैंपस खोलने को लेकर सरकार के द्वारा दिशा निर्देश मिलने के मुताबिक ही काम किया जाएगा.
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