छत्तीसगढ़ के पिछड़े इलाकों में बच्चों को पढ़ा रहे ITBP के जवान, दे रहे किताबें

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Published : May 8, 2022, 9:44 PM IST

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छत्तीसगढ़ में उग्रवादियों से लड़ने वाले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति ला रहे हैं. ये जवान कोंडागांव जिले के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं. उन्हें कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं.

नई दिल्ली : वामपंथ उग्रवाद से लड़ने के अलावा, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्रों के लिए कोचिंग की शुरुआत की है. छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के सुदूर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा में ITBP के जवान योगदान दे रहे हैं.

29वीं बटालियन ITBP के जवान कोंडागांव के दूरदराज के इलाकों में मुंजमेटा, फरसागांव, झारा और धौडाई गांवों में कई जगहों पर करीब 200 छात्रों के लिए कोचिंग कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. पर्वतीय प्रशिक्षित बल आईटीबीपी के जवान छात्रों को एकलव्य और नवोदय स्कूलों में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने की तैयारियों में मदद कर रहे हैं. पिछले कुछ हफ्तों से लगभग 200 स्थानीय आदिवासी छात्रों को कोचिंग प्रदान की जा रही है. इन क्षेत्रों के लोग कोचिंग कक्षाओं में अपने बच्चों को भेज रहे हैं. आईटीबीपी इन छात्रों को जरूरत पड़ने पर अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध करा रही है.

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राज्य में वामपंथ उग्रवाद से लड़ने के लिए आईटीबीपी को 2009 से छत्तीसगढ़ में तैनात किया गया है. बल ने पिछले वर्षों में कई सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजित किए हैं. आईटीबीपी ने छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में तीरंदाजी, हॉकी, जूडो और एथलेटिक्स में सैकड़ों स्थानीय छात्रों को प्रशिक्षित कर उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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