नई दिल्लीः आज नवरात्रि का अष्टमी है और सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में हिन्दुओं को शस्त्र पूजा करनी चाहिए. क्योंकि हिन्दू धर्म के सभी देवी देवता शस्त्र धारण करते हैं और वे भी शस्त्र की पूजा करते थे. रामायण में भी दिखाया गया है कि लंका पर चढ़ाई करने से पहले श्री राम ने शस्त्र की पूजा की थी. क्योंकि ये शस्त्र हमारी रक्षा करते हैं, इसलिये हमें शस्त्र की पूजा करनी चाहिए और नवरात्रि के समय में काफी शुभ माना जाता है. इसलिए हिन्दू धर्म के लोग नवरात्री के सप्तमी, अष्टमी और नवमी को अपने अपने घरों मे रखे शस्त्र की पूजा करते हैं.
अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद और बजरंग दल (International Hindu Parishad and Bajrang Dal) के लोगों ने कटवारिया सराय स्थित प्राचीन शिव मन्दिर में आज शस्त्र की विधिवत पूजा (Weapons worshiped in ancient Shiva temple) की. मन्दिर के मुख्य पुजारी पंडित बेंकटेश्वर झा ने मंत्रोच्चार कर इन शस्त्र की पूजा की. साथ ही पूजा में आए अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने संकल्प लिया कि ये शस्त्र हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए है, इसलिए जब भी हिन्दू धर्म पर या इससे जुड़े लोगों पर कोई संकट आएगा तो यही शस्त्र उनकी रक्षा करेगा. साथ ही इन दोनों संगठनों के लोगों ने इस मन्दिर की दुर्दशा पर आक्रोश व्यक्त किया और संकल्प लिया कि इस मन्दिर की दुर्दशा को सही करके दम लेंगे.
दरअसल मन्दिर के मुख्य पुजारी पंडित बेंकटेश्वर झा ने बताया कि इस मन्दिर की स्थापना 25 साल पहले हुई थी. इस मंदिर में पहले इसके पीछे सर्कुलर भवन से बिजली मिली हुई थी. लेकिन मंदिर पर कुछ लोगों की हड़पने की नियत से नजर पर गई और 2019 में इसकी बिजली काट दी गयी. उसके बाद से मंदिर के पुजारी बिजली लगाने के लिए बिजली ऑफिस के दरवाजे से लेकर विधायक एवं अन्य लोगों के चौखटों पर दौड़ते रहे, लेकिन आज तक मंदिर में बिजली नहीं लगी. यहां तक की नवरात्रि में हर जगह जगमगा रहा है, वहीं इस मन्दिर मे अंधेरा छाया हुआ है.
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अक्सर देखा गया है कि रक्षा मंत्रालय में भी शस्त्र की विधिवत पूजा होती है और कई मौको पर खुद रक्षा मंत्री खुद शामिल होते हैं. नवरात्रि के समय में तो जगह जगह देखा जाता है कि हिन्दू संगठन या तो मंदिर में जाकर या फिर अपने घरों मे हीं रखे अपने शस्त्र की पूजा करते है. वहीं बात करें मन्दिर की दुर्दशा की तो यहां लगभग तीन साल से बिजली नहीं है. पुजारी या भक्तों के लिए ना पानी है और ना ही शौचालय. माना कि ये मंदिर सड़क के किनारे है. मगर दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों मे कई मन्दिर और मस्जिद सड़क के किनारे या सड़क के बीचों-बीच है और उनमे सभी सुविधाएं है.