नई दिल्ली : दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर भारत का पहला एलिवेटेड क्रॉस टैक्सीवे दिसंबर 2022 तक तैयार होने वाला है. एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे (ईसीटी) का लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. इस 2.1 किमी लंबी दोहरी एलिवेटेड ईसीटी के एक बार शुरू होने के बाद न केवल हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ कम करने और विमान के सर्कुलेशन पाथ में सुधार करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे एयरपोर्ट पर उत्सर्जन होने वाले सीओ 2 में सालाना लगभग 55 हजार टन सीओ 2 उत्सर्जन में कमी आएगी.
जीएमआर समूह के उप प्रबंध निदेशक आई प्रभाकर राव ने बताया कि डायल द्वारा एयरपोर्ट पर पर्यावरण सुरक्षा के लिए के नए पहल किए जा रहे हैं. ईसीटी के शुरू होने से रनवे पर लैंडिंग के बाद या टेक-ऑफ करने वाले विमानों संचालन समय में कमी आएगी. इसका सीधा असर उनसे होने वाले सीओ-2 (CO2) उत्सर्जन पर पड़ेगा. साथ ही कार्बन उत्सर्जन भार को और कम करने के लिए कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस एयरसाइड वाहन का उपयोग किया जाएगा. इससे यात्रियों को लैंडिंग के बाद या टेक-ऑफ के दौरान बहुत कम समय के लिए विमान के अंदर रहना होगा.
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प्रभाकर राव ने बताया कि डुअल ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे भारत में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. हमारा लक्ष्य 2030 तक नेट जीरो कार्बन एयरपोर्ट बनाने का है. जो दिल्ली हवाई अड्डे के चरण 3 ए विस्तार परियोजना का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद आईजीआई एयरपोर्ट प्रति वर्ष 14 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा. वर्तमान में 4 करोड़ है.
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