नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या हर साल रहती है और इसी दमघोंटू वातावरण से निकालने के लिए दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (New Electric Vehicle Policy) लाई थी. इसमें सरकार की तरफ से नागरिकों को सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. अब एक नए आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles in Delhi) के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है. साथ ही इसकी बिक्री भी बढ़ी है. इस साल सिर्फ आठ महीने में कुल 41 हजार इलेक्ट्रिक व्हीकल बिक चुके हैं, जबकि इस पॉलिसी के आने के बाद से अभी तक 72 हजार से अधिक ईवी बिके हैं.
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, हर महीने बेचे जाने वाले कुल वाहनों में ईवी का योगदान लगभग 10% है. दिल्ली ने भी इस साल मार्च में बिके कुल वाहनों में 12.5 फीसदी ईवी का था, जो भारत में सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भी कहा था कि दिल्ली सरकार अगले 3 वर्षों में 18,000 चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने की योजना बना रही है, जिससे दिल्ली के नागरिकों के लिए ICE वाहन के बजाय इलेक्ट्रिक वाहन चुनना आसान हो जाएगा. 2024 के अंत तक दिल्ली में खरीदे गए हर 4 नए वाहनों में से 1 इलेक्ट्रिक वाहन होगा.
वहीं, राजधानी में ईवी की लोकप्रियता का आलम यह है कि एक साल से भी कम समय में 1000 चार्जिंग पॉइंट लोगों ने लगवाएं हैं. इसमें बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) द्वारा 315 स्थानों पर 682 चार्जिंग पॉइंट, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) द्वारा 70 स्थानों पर 150 चार्जिंग पॉइंट और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) द्वारा 50 स्थानों पर 168 चार्जिंग पॉइंट शामिल हैं. इनमें से 59% चार्जर आरडब्ल्यूए द्वारा, 15% कार्यालय परिसर में और 13% ई-रिक्शा पार्किंग में लगाए गए हैं. दिल्ली सरकार इन 1000 चार्जिंग पॉइंट्स पर सब्सिडी के तौर पर 60 लाख रुपये खर्च करेगी.
उपभोक्ता एक विशेष ईवी टैरिफ के साथ एक अलग बिजली कनेक्शन के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. सिंगल विंडो सुविधा दिल्ली में किसी भी निवासी को अपने बिजली प्रदाता (डिस्कॉम) पोर्टल के माध्यम से पैनल में शामिल विक्रेताओं से ईवी चार्जर चुनने, ऑर्डर करने, स्थापित करने और भुगतान (सब्सिडी का शुद्ध) करने में सक्षम बनाती है. दिल्ली में 3 बिजली प्रदाता हैं जिनका नाम बीआरपीएल, बीवाईपीएल और टीपीडीडीएल है.
दिल्ली ईवी नीति (Delhi EV Policy) में पहले 30,000 स्लो चार्जिंग पॉइंट के लिए 6000 रुपये प्रति चार्जिंग पॉइंट की सब्सिडी का प्रावधान है. 6,000 रुपये की सब्सिडी के बाद उपयोगकर्ता द्वारा किये गए भुगतान में ईवी चार्जर, इंस्टालेशन और 3 साल के लिए रखरखाव लागत शामिल है. सब्सिडी के बाद इन ईवी चार्जर्स की कुल कीमत मात्र 2,500 रुपये है.
कैलाश गहलोत का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पूरी दिल्ली में हम हर 3 किमी के दायरे में निजी और सार्वजनिक चार्जिंग सुविधाओं का नेटवर्क प्रदान करके पूरे शहर में ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सिंगल विंडो प्रक्रिया के तहत दिल्ली सरकार ने डिस्कॉम के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न ईवी चार्जरों में से चुनने में मदद करने के लिए लगभग 10 विक्रेताओं को सूचीबद्ध किया है. ईवी चार्जर लगाने के लिए अनुरोध जमा करने के केवल 7 कार्य दिवस के भीतर वेंडर द्वारा स्लो और मॉडरेट चार्जर लगा दी जाती है. सिंगल विंडो सेवा के जरिये नागरिकों को विभिन्न चार्जर्स की कीमतों और विशेषताओं की तुलना करके सिंगल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भरोसेमंद ईवी चार्जर चुनने में मदद मिलती है.
एक बार डिस्कॉम के पास अनुरोध जमा करने के बाद पैनल में शामिल एजेंसी, जिसका ईवी चार्जर चुना गया है, साइट निरीक्षण के लिए उपभोक्ता से संपर्क करती है. यदि साइट सही पाई जाती है, तो ईवी चार्जर एजेंसी द्वारा परस्पर सहमत तिथि पर स्थापित किया जाता है.
1000 इंस्टालेशन पूरा करने पर डीडीसी के उपाध्यक्ष और दिल्ली सरकार के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष जैस्मीन शाह, जिन्होंने सिंगल विंडो सुविधा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है, सिंगल विंडो सुविधा का उद्देश्य दिल्ली में ईवी चार्जर्स की खरीद को आसान और परेशानी मुक्त बनाना है. इस पहल की सफलता का श्रेय दिल्लीवासियों, दिल्ली के डिस्कॉम्स और पैनल में शामिल एजेंसियों को जाता है.
दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी क्या है?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगस्त 2020 में Delhi Electric Vehicle Policy की घोषणा की थी. इस साल इसके दो साल पूरे हो गए हैं. यह पॉलिसी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए शुरू की गई है. इस पॉलिसी के अंतर्गत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर 30,000 रुपए से लेकर 1,00,000 तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिससे लोग इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
इस वक्त दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल केवल 0.2 प्रतिशत है, जिसे दिल्ली सरकार 2024 तक इस पॉलिसी के माध्यम से 25% पर लाना चाहती है. इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल दो प्रकार की होती है- एक चार्जिंग वाली और दूसरी बैटरी बदलने वाली. दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी इन दोनों प्रकार की व्हीकल को कवर करती है.