नई दिल्ली : हर व्यक्ति जिसकी अपनी आय है, उसे Income Tax Return जरूर दाखिल करना चाहिए. अगर आपकी पहली नौकरी है या सैलरी इतनी कम है कि आप आयकर के दायरे में नहीं आते, फिर भी ITR जरूर फाइल करें. ETV भारत की Financial planning की इस सीरिज में आज हम आपको ITR के फायदे बताएंगे.
तैयार होता है फाइनेंशियल रिकॉर्ड, आसान होता है लोन
नौकरी के पहले साल से ही अगर आपने ITR फाइल करना शुरू कर दिया तो आपका फाइनेंशियल रिकॉर्ड (prepare financial record) तैयार हो जाता है. यह आपका सबसे बड़ा इनकम प्रूफ होता है. आपकी आय सरकारी रिकॉर्ड में भी दर्ज हो जाती है. आने वाले समय में कभी भी किसी भी तरह के लोन में आसानी होती है. बैंक से लोन लेने के लिए (ITR compulsory for loan) पिछले दो या तीन साल का ITR अनिवार्य रूप से देना होता है. फिर चाहे वह होम लोन हो या फिर पर्सनल लोन. किसी भी तरह के लोन के लिए ITR चाहिए होता है.
फाइल करते हैं ITR तो आसानी से मिल जाएगा वीजा
पासपोर्ट बनवाने के दौरान भी ITR काम आता है और यह सिर्फ पासपोर्ट बनवाने के दौरान ही सहायक नहीं है, बल्कि वीजा के लिए जरूरी दस्तावेज है. अगर आप ITR फाइल करते हैं तो किसी भी देश का वीजा मिलने में आसानी होती है. वीजा के दौरान इनकम प्रूफ के तौर पर ITR ही मांगा जाता है. यहां पिछले तीन से पांच साल तक का मांगा जाता है. इससे वीजा ऑथोरिटीज आपका फाइनेंशियल स्टेटस पता करती हैं. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों के वीजा के लिए यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण दस्तावेज हो जाता है.
टैक्स रिफंड के लिए भी जरूरी
आप आयकर के दायरे में तो आते हैं, लेकिन Income Tax रिफंड हो सकता है, इसकी वजह आपका निवेश, लोन और इंश्योरेंस के आधार पर मिलने वाली छूट है. इसके लिए आपको अपने टैक्स रिफंड के लिए क्लेम करना होता है. उसके लिए भी आपको ITR दाखिल करना होगा. ITR दाखिल करने के बाद ही आय कर के तौर पर कटे पैसे वापस आएंगे.
ऐसे बढ़ा सकते हैं इंश्योरेंस कवर
आपको अपना इंश्योरेंस कराना है तो इंश्योरेंस कंपनियों को भी ITR चाहिए होता है. इसी आधार पर वे आपका इंश्योरेंस कवर तय करती हैं. अगर आप नियमित तौर पर ITR File करते हैं और आपकी उम्र कम है तो इंश्योरेंस कवर बढ़ सकता है. इंश्योरेंस कंपनियां Term Insurance के लिए ऐसा करती हैं. खासतौर पर एक करोड़ से ज्यादा के कवर के लिए.
बिजनेस शुरू करने के लिए
नौकरी से मन भर गया है और अब आप अपना स्टार्ट अप करना चाहते हैं, तो इसके लिए भी आपको तीन से पांच साल का Income Tax Return चाहिए होगा. उसकी वजह सिर्फ बिजनेस लोन लेने तक ही नहीं है. किसी भी बिजनेस डील में किसी फर्म से जुड़ने के लिए ITR की जरूरत होती है. यही आपका फाइनेंशियल स्टेटस तय करता है.
आपका एड्रेस प्रूफ भी है ITR
जी हां! सही सुना आपने. आपका ITR एड्रेस प्रूफ के तौर पर भी इस्तेमाल होता है. सभी वित्तीय संस्थाएं इसे एड्रेस प्रूफ के तौर पर स्वीकार करती हैं. इसलिए ITR का इस्तेमाल एड्रेस प्रूफ के तौर पर कर सकते हैं.
शेयर और म्यूचुअल फंड के लिए भी फायदेमंद
शेयर और म्यूचुअल फंड में नुकसान की भरपाई अगले साल होने वाले फायदे से करना है तो दोनों साल का ITR फाइल करना होगा. दोनों साल की शेयर और म्यूचुअल फंड की आय एक साथ जोड़कर Income Tax कम किया जा सकता है.
कौन से फॉर्म किसके लिए
आईटीआर-1 फॉर्म (सहज) हैं, जबकि आईटीआर-4 फॉर्म (सुगम) कहा जाता है. सहज और सुगम फॉर्म का इस्तेमाल छोटे और मझोले करदाता करते हैं. सहज फॉर्म का इस्तेमाल वे लोग जिनकी आय सालाना 50 लाख रुपये तक है कर सकते हैं. सैलरी और संपत्ति से कमाई करने वालों को सहज फॉर्म भरना होता है. वहीं सुगम फॉर्म के जरिये आयकर रिटर्न व्यक्तिगत करदाता, हिंदू अविभाजित परिवार और 50 लाख रुपये तक की कारोबारी आय वाले जमा कर सकते हैं.
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