नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए आयात किए गए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स पर इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज एक्ट (आईजीएसटी) लगाने को असंवैधानिक करार दिया है. जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने ये आदेश जारी किया है. कोर्ट ने पिछले 18 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि 85 वर्षीय गुरचरण सिंह ने याचिका दायर की थी. गुरचरण सिंह कोरोना से संक्रमित हैं, उनके एक भतीजे ने अमेरिका से उनके लिए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर गिफ्ट के तौर पर भेजा था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग ने कहा कि व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए आयात किए गए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स पर आईजीएसटी लगाना संविधान की धारा 14 के साथ-साथ धारा 21 का भी उल्लंघन है. सुनवाई के दौरान नंद्राजोग ने कहा कि कुछ सामानों के आयात पर केंद्र ने आईजीएसटी से 31 जुलाई तक की छूट दी है.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर आईजीएसटी लगाना मनमाना
हाईकोर्ट ने इस मामले में कोर्ट की मदद करने के लिए वरिष्ठ वकील अरविंद दातार को एमिकस क्युरी नियुक्त किया था. उन्होंने कहा कि किसी को गिफ्ट दिए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर आईजीएसटी लगाना मनमाना है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार ये साबित नहीं करे कि ऐसा करने से राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है और ये जनहित में नहीं है तब तक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स को भी छूट पाने वाले सामानों की श्रेणी में रखना चाहिए.
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कालाबाजारी रोकने के लिए 12 फीसदी कर लगाया गया है
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि इस बात का कोई निर्देश नहीं है कि जीवनरक्षक दवाओं और ड्रग्स को छूट दिया जाए. उन्होंने कहा कि कर लगाने की न्यायिक समीक्षा हो सकती है, लेकिन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर 12 फीसदी का आईजीएसटी इसलिए लगाया गया है ताकि इसकी कालाबाजारी न हो और लोग बेजा फायदा न उठाएं.