नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब के सेवन की उम्र कम किए जाने के खिलाफ दायर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने 20 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
वर्मा की याचिका में नई आबकारी नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने के प्रावधान को चुनौती दी गई है. बता दें कि नई आबकारी नीति के अलग-अलग प्रावधानों को अलग-अलग याचिकाएं दायर कर चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोनों में विभाजित किया गया है. जबकि इन 32 जोनों में केवल 16 लाइसेंस धारक ही होंगे, जो संचालन कर सकेंगे.
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याचिका में कहा गया है कि इससे कुछ खास लोगों का ही इस व्यवसाय पर एकाधिकार हो जाएगा. दिल्ली कंज्युमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर कर्मचारी युनियन ने भी नई आबकारी नीति में सरकार की अधिगृहित कंपनी या सोसायटी को शराब के खुदरा व्यापार का लाईसेंस नहीं देने के प्रावधान को चुनौती दी है. इस याचिका पर हाईकोर्ट नोटिस जारी कर चुका है.
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पिछले 28 जुलाई को कोर्ट ने नई आबकारी नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका में दिल्ली सरकार की ओर से पिछले 28 जून को जारी ई-टेंडर नोटिस को वापस लेने की भी मांग की गई है. दिल्ली सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति भ्रष्टाचार को कम करने की कोशिश की गई है.