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कुतुब मीनार में गणेश और अन्य देवताओं की पूजा मामले पर अब 19 अक्टूबर को होगी सुनवाई

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Published : Sep 21, 2022, 7:03 PM IST

साकेत कोर्ट ने खारिज
साकेत कोर्ट ने खारिज

कुतुब मीनार (Kutub meenar) परिसर में भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं की पूजा (worship of Ganesh and other deities) मामले की साकेत कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) दिनेश कुमार की अदालत में सुनवाई चल रही है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी. इस परिसर में पूजा को लेकर चल रही सुनवाई में पक्षकार बनने की मांग को लेकर दायर याचिका को आज कोर्ट ने खारिज कर दी.

नई दिल्ली: क़ुतुब मीनार (Qutub Minar) पर मालिकाना हक को लेकर दायर याचिका को साकेत कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद ने कुतुब मीनार पर मालिकाना हक जताते हुए कुतुब मीनार परिसर में पूजा को लेकर चल रही सुनवाई में पक्षकार बनने की मांग की थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) सिविल दिनेश कुमार ने याचिका खारिज करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तिथि तय की है.

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साकेत कोर्ट में चल रही सुनवाई :साकेत कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत में कुतुब मीनार परिसर में पूजा पाठ को लेकर एक याचिका की सुनवाई चल रही है. इस दौरान कुंवर महेंद्र ध्वज सिंह नाम के एक पिक्चर में कुतुब मीनार परिसर पर दावा ठोंकते हुए मालिकाना हक को लेकर एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई का फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को फैसले के दौरान याचिकाकर्ता ने मालिकाना हक वाली अपनी याचिका वापस ले ली और मामले में पक्षकार बनने की एक नई याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने पक्षकार बनने की याचिका को विचार योग्य नहीं पाया. कोर्ट ने कहा कि कुंवर महेंद्र धन सिंह किसी भी प्रकार से इस मामले से संबंधित नहीं हैं, ऐसे में उन्हें पक्षकार बनाए जाने का कोई आधार नहीं है.

यह थी याचिका: याचिका में आवेदक कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह ने यमुना और गंगा नदी के बीच आने वाले आगरा से मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर और गुरुग्राम तक के क्षेत्र पर अधिकार की मांग की थी. आवेदक का कहना था कि वह बेसवान परिवार का कर्ता है जो कि राजा रोहिणी रमन ध्वज प्रसाद सिंह का उत्तराधिकारी है. उनकी मृत्यु वर्ष 1950 में हुई थी. आवेदन के अनुसार, बेसवान परिवार के रूप में जाना जाने वाला परिवार मूल रूप से राजा नंद राम के वंशज जाट थे, जिनकी वर्ष 1695 में मृत्यु हो गई थी.

यह है मामला: कुतुब मीनार परिसर में भगवान गणेश व अन्य विग्रह की पूजा को लेकर हिंदू पक्ष ने पूजा करने के अधिकार को लेकर याचिका दाखिल की है. हिंदू पक्ष का दावा है कि कुतुबमीनार को 29 जैन व हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है. हिंदू पक्ष ने भगवान विष्णु व जैनों के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव को मामले का पक्षकार बनाते हुए याचिका दाखिल की है. कोर्ट इस पर सुनवाई कर रहा है.

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