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शरजील इमाम की जमानत याचिका पर फैसला टला

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Published : Jul 14, 2022, 3:03 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 6:25 PM IST

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शरजील इमाम

दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की राजद्रोह के मामले में दायर जमानत याचिका पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने फैसला टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 20 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की राजद्रोह के मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 20 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने 6 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. 30 मई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम को ट्रायल कोर्ट जाकर जमानत याचिका दायर करने की अनुमति दी थी. याचिका में राजद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को आधार बनाया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के मामलों में केस दर्ज नहीं करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्र सरकार जब तक राजद्रोह के मामले पर दोबारा विचार करेगी तब तक इस मामले में कोई नया एफआईआर दर्ज नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह के मामले में जो आरोपी हैं वे अदालतों में याचिका दायर कर जमानत की मांग कर सकते हैं.

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दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट

इस मामले में शरजील इमाम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना होगा. अगर ट्रायल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होती है तो उसके बाद ही हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं. उसके बाद शरजील इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसके बाद हाईकोर्ट कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

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11 अप्रैल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.

चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया, जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई थी. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा. शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.

Last Updated :Jul 14, 2022, 6:25 PM IST
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