नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल दूसरी पूरक चार्जशीट के मामले में आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दिया है. कोर्ट ने इस मामले पर 10 मार्च को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है. शनिवार को सुनवाई के दौरान कैदियों की सुरक्षा में लगी दिल्ली आर्म्ड पुलिस की थर्ड बटालियन के डीसीपी ने कोर्ट से 19 फरवरी के उस आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की. जिसमें शरजील इमाम को कोर्ट में पेशी के लिए लाने और वापस जेल ले जाने के लिए अलग वाहन उपलब्ध करने को कहा गया था. इस पर कोर्ट ने कड़कड़डूमा कोर्ट के लॉकअप इंचार्ज से जवाब तलब किया है.
कड़कड़डूमा कोर्ट के लॉकअप इंचार्ज ने वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश लेकर बताने की बात कही है. उसके बाद कोर्ट ने शरजील इमाम को अलग वाहन उपलब्ध कराने का आदेश जारी रखने का आदेश दिया. 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. 24 जनवरी को कोर्ट ने शरजील की एक मामले में जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कोर्ट ने 24 जनवरी को ही शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लिया था. कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है.
24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट का संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी. पहली पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
इसे भी पढ़ें : 'पहाड़ी गांधी': आजादी के लिए 11 बार गए जेल
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया. जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंपों में रखा जाएगा.