नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर 20 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया है.
आज केंद्र सरकार ने इस मामले पर अपना जवाब दाखिल किया. पिछले 1 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार और राकेश अस्थाना को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने जो याचिका दायर किया है, उसी का कट एंड पेस्ट कर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. तब कोर्ट ने कहा था कि कई लोग आपकी याचिकाओं की कॉपी करते हैं, इसमे नया क्या है. आपकी मांग क्या है. तब भूषण ने कहा था कि हम इस याचिका में हस्तक्षेप करना चाहते हैं.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण के रास्ते पर हैं. ये एक खतरनाक बात है. याचिकाकर्ताओं को किसी की नियुक्ति को चुनौती देने की क्या जरूरत है. उन्हें इसकी प्रेरणा कहां से मिलती है. कोर्ट को उस अधिकारी को भी सुनना चाहिए जिसकी नियुक्ति को चुनौती दी गई है. मेहता ने कहा था की प्रशांत भूषण ने याचिका की कॉपी मीडिया को शेयर की, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने वहां से ले लिया होगा. प्रशांत भूषण ने कहा था कि जैसे ही मीडिया को याचिका दाखिल होने के बारे में पता चलता है, वे हमसे मांगते हैं और मैं मीडियाकर्मियों को याचिका की कॉपी दे देता हूं. उसके बाद कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.
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24 अगस्त सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया था. 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई से मना किया था और दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे दो हफ्ते में उसका निपटारा करें. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने का निर्देश दिया था.