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मनी लाउंड्रिंग मामले में अमित गुप्ता काे सरकारी गवाह बनाने की याचिका पर सुनवाई टली

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Published : Jan 7, 2022, 9:27 PM IST

Kadkaddooma court
Kadkaddooma court

शुक्रवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के सह-आरोपी अमित गुप्ता के सरकारी गावाह बनने की अर्जी पर सुनवाई को टाल दिया है. इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने जमानत याचिका दायर की थी.

नई दिल्ली : राजधानी की कड़कड़डूमा कोर्ट (Kadkaddooma court in delhi) ने दिल्ली दंगों (delhi violence 2020) में मनी लांड्रिंग मामले (money laundering case) के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 17 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया था.

इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने जमानत याचिका दायर की थी. इस याचिका पर कोर्ट ने ईडी को नोटिस भेजा है. ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर कोर्ट 14 जनवरी को सुनवाई करेगा. 29 सितंबर 2021 को ईडी ने अमित गुप्ता ने खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी के साथ शर्तों के साथ समर्थन किया था. अमित गुप्ता की ओर से वकील ने कहा था कि इस मामले के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन की मनी लाउंड्रिंग मामले में मदद की है.

लेकिन, इसका न तो उसे कोई लाभ हुआ है और न ही उसने कोई सहयोग किया है. उन्होंने कहा था कि अमित गुप्ता को अगर सरकारी गवाह बनाया जाता है तो उसके बयानों से इस मामले के दूसरे आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. सुनवाई के दौरान अमित गुप्ता ने कहा था कि वह इस अपराध की सच्चाई का खुलासा करेगा. इसलिए, उन्हें माफ कर सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी जाए.

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील एनके माटा और ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनाया जा सकता है. बशर्ते वह इस अपराध का पूरा खुलासा करें. ईडी ने कहा कि अमित गुप्ता को इस मामले की जांच में पूरा सहयोग करना होगा. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत धारा तीन के तहत आरोपी बनाया है.

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चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली(North-east delhi) में भड़के दंगों में ताहिर ने धनराशि लगाने का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग की थी. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून (citizenship amendment act) के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया था.

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