नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली की ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस ने रेमेडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है जो अभी तक 9 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है. पुलिस ने आरोपी की पहचान सचिन यादव के रूप में की है जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला है. पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपी के पास 2 मोबाइल बरामद किए और एकाउंट फ्रीज कर दिया.
दक्षिण दिल्ली के डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि एक महिला शिकायतकर्ता ने ग्रेटर कैलाश थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि उनकी बुजुर्ग मां के कोरोना संक्रमित होने के बाद रेमेडेसीवर इंजेक्शन की जरूरत पड़ने पर वाट्सऐप के जरिये एक नंबर पर सम्पर्क किया तो सामने से इंजेक्शन के 6 डोज अस्पताल में पहुंचाने का वादा किया गया.
पीड़ित के मुताबिक, उसने आरोपी को 10-10 हजार करके 3 बार में 30,000 हजार रुपये उसके एकाउंट में भेज दिए. महिला ने बताया कि पैसे भेजने के बाद आरोपी का नंबर बंद आने लगा. इसी तरह महिला ने फिर किसी और से सम्पर्क किया. वहां भी 19,200 रुपये का ट्रांसफर कर महिला से ठगी हो गई.
पुलिस को पीड़िता की शिकायत मिलने के बाद कोरोना से संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रेटर कैलाश थाने में FIR दर्ज कर ली गई.
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पुलिस ने पीड़ित द्वारा सम्पर्क किए गए नंबर की तकनीकी जांच कराने के लिए उसे सर्विलांस पर लगाया. पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबर को ट्रेस करते हुए आखिरकार हरियाणा के महेंद्रगढ़ में छापेमारी कर उसे पकड़ा.
गिरफ्तार आरोपी सचिन ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज डालकर जरूरतमंद लोगों से सम्पर्क करता था और प्रोफेशनल तरीके से लोगों से पैसे की ठगी करता था. आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने अभी तक 9 लोगों के साथ ठगी को अंजाम दिया है. वहीं जांच में पुलिस को पता चला कि उनके खिलाफ सीआर पार्क थाने पहले से एक मामला दर्ज है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया.
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