नई दिल्लीः देशभर में नवरात्रि की धूम हैं और नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में दिल्ली के प्रसिद्ध चितरंजन पार्क (सीआर पार्क) स्थित काली मंदिर में भी नवरात्रि को लेकर तैयारियां (Grand Preparations for Navratri in Kali temple) की गई है. यहां पर भव्य पंडाल बनाए गए हैं और माता की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है.
बता दें, काली मंदिर में षष्ठी से माता की पूजा शुरू होती है, जो नवमी तक चलती है. उसके बाद महिलाओं का प्रसिद्ध सिंदूर खेला होता है और फिर माता की प्रतिमा का विसर्जन होता है.
आयोजन में लाखों भक्त आते हैं और माता के दर्शन करते हैं, लेकिन बीते दो साल से कोरोना वायरस की वजह से यहां पर आयोजन नहीं हो पाया था. इस बार पहले से बेहतर तैयारी की जा रही है और भव्य पंडाल बनाया गया है. यहां माता की भव्य प्रतिमा लगाई गई है.
खास बात है कि पंडाल और मां की प्रतिमा इको फ्रेंडली है, जहां पंडाल में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया है. वहीं मां की मूर्ति में किसी भी प्रकार के केमिकल पेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है. इसमें ऑर्गेनिक पेंट का इस्तेमाल किया गया है.
मां की पूजा षष्ठी के दिन से शुरू होगी जो नवमी तक चलेगी. नवरात्रि के लिए विशेष तैयारियां काली मंदिर में की गई है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा भीड़ मैनेजमेंट के लिए भी व्यवस्था की जा रही है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके लिए पुलिस के साथ मंदिर समिति की मीटिंग हुई है. सुरक्षा इंतजाम में दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के साथ ही मंदिर समिति के गार्ड भी लगाए जा रहे हैं. पूजा के दौरान माता को भोग लगाया जाएगा और हजारों भक्तों को भोग वितरण किया जाएगा.
वहीं, दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी माता मंदिर में भी नवरात्रि को लेकर विशेष तैयारियां की (Grand Preparations for Navratri in Kalkaji temple) गई है. इन्हीं तैयारियों के बीच लाखों भक्त माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यहां पर यूं तो सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में बड़ी संख्या में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं और माता के दर्शन करते हैं. वहीं, भक्तों की संख्या को देखते हुए कई इंतजाम किए गए हैं, ताकि भक्त आसानी से माता के दर्शन कर सके. नवरात्रि में कालकाजी मंदिर में विशेष रूप से माता की पूजा-अर्चना और आरती की जाती है.
बता दें, कालकाजी मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यताएं हैं कि जगत जननी मां जगदंबा ने रक्तबीज का संहार करने के लिए मुंह का विस्तार किया था. उसी विस्तारित रूप को कालकाजी मंदिर में स्थापित किया गया है. कालकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि नवरात्रि माता की उपासना का पर्व है. आज मंदिर में नवरात्रि में बड़ी संख्या में भक्तों की आते हैं और दर्शन करते हैं. वहीं अदालत के द्वारा नियुक्त प्रशासक के द्वारा सभी मंदिर के बाहर इंतजाम किए गए हैं. मंदिर में अस्थाई पुलिस चौकी का निर्माण किया गया है.
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कालकाजी मंदिर में माता के दर्शन के लिए भक्तों के प्रवेश के लिए तीन आम प्रवेश बनाए गए हैं, जबकि चौथा प्रवेश वीआईपी लोगों के लिए भी बनाया गया है. राम प्याऊ के तरफ से, लोटस टेंपल की तरफ से और मोदी मिल घर के तरफ से भी प्रवेश बनाया गया है. इसके अलावा वीआईपी प्रवेश कालकाजी महंत परिसर के तरफ से बनाया गया है. वहीं यहां पर सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था किए गए हैं. इसमें दिल्ली पुलिस के जवान, अर्द्धसैनिक बलों के जवान, सिविल डिफेंस के जवान और इसके अलावा प्राइवेट गार्ड और मंदिर समितियों से जुड़े कार्यकर्ता भी तैनात किए गए हैं.