नई दिल्ली : दिवाली पर पटाखे न जलें, इसको लेकर तमाम सरकारी संस्थाएं और अदलात जितनी सख्ती दिखाती रही. दिवाली की रात उतना ही जमकर पटाखे जलाए गए. आतिशबाजी पर प्रतिबंध को लेकर कई गई दिल्ली पुलिस की तमाम मुस्तैदी बेकार साबित हुई. प्रदूषण के खिलाफ तमाम संस्थाओं की सारी कोशिशें फेल हो गईं. दिवाली की रात इस कदर आतिशबाजी की गई, कि हवा में प्रदूषण कई गुना बढ़ गया. सड़कों पर पड़े पटाखों के अवशेष और सड़कों पर बिखरा बारूद इसकी गवाही दे रहा है.
तमाम सख्ती और तमाम जागरूता मुहिम के बावजूद लोगों ने रातभर पटाखे जलाए. लोगों का कहना है कि पटाखों पर प्रतिबंध की बजाय थोड़ी छूट तो होनी ही चाहिए. बाजारों में भी पटाखे इस बार नजर नहीं आ रहे थे. ऐसे में दिवाली की रात इतने पटाखे कैसे जलाए गए. व्यवस्थाओं पर ये एक बड़ा सवाल है.
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दिल्ली के बुराड़ी, जहांगीरपुरी, पीतमपुरा, तिमारपुर व रोहिणी सहित कई इलाकों में रातभर लोगों ने आतिशबाजी की. सुबह सड़कों पर बिखरे पटाखों के कागज और जली बारूद देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि रात को भारी पैमाने पर पटाखे जलाए गए. ईटीवी भारत के पास वीडियो बुराड़ी में रात करीब 1 बजे हुई आतिशबाजी के मौजूद हैं. इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है, कि व्यवस्थाओं को चुनौती देते हुए लोग सड़क पर आतिशबाजी कर रहे हैं. बम के तेज धमाकों से पूरा इलाका गूंज रहा था, लेकिन पुलिस और अन्य संस्थाओं को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था. सुबह से आसमान में धुंध बढ़ गई है. हर ओर हवा में जहर घुला हुआ है, लेकिन किसी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
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अब जनता की अपील ये है कि सरकार को दीपावली पर पटाखों पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाने की बजाय कुछ शर्तों के साथ बच्चों को छूट देनी चाहिए. जिससे बच्चे त्योहार की खुशियां भी मना सकें और कुछ ही घंटे पटाखे जलने से प्रदूषण पर भी नियंत्रण किया जा सके. बहरहाल लोग त्यौहार की खुशियों की खातिर पटाखे जलाने के लिए तमाम दलीलें दे रहे हैं, लेकिन आने वाले दौर में मासूमों को सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है. इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.