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प्रदूषण सर्टिफिकेटः E-मैसेज को न करें नजरअंदाज, जुर्माना और जेल तक का है प्रावधान

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Published : Jul 19, 2022, 5:30 PM IST

दिल्ली में परिवहन विभाग ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर ऐसे वाहन मालिकों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है, जिनके पास वाहनों का वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे लोगों को छह महीने की जेल या 10 हजार का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है. अगर वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है तो ई मैसेज को नजरअंदाज न करें.

प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई

नई दिल्लीः अगर आपकी कार या बाइक का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गया है तो तुरंत बनवा लें. दिल्ली में वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार को परिवहन विभाग ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर ऐसे वाहन मालिकों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है, जिनके पास वाहनों का वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे लोगों को छह महीने की जेल या 10 हजार का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है.


परिवहन विभाग ने ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जिनके पास वाहनों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है. नोटिस में वाहन मालिकों से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने या जुर्माना भरने के लिए कहा गया है. दिल्ली में 17 लाख ऐसे वाहन हैं, जो इस समय बगैर वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के दौड़ रही है. इनमें से 13 लाख दो पहिया वाहन और तीन लाख कारें शामिल हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 14 लाख वाहन मालिकों को एसएमएस भेजकर कहा गया है कि वे अपने वाहन का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाएं या उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग बिना वैध पीयूसी सर्टिफिकेट चल रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पेट्रोल पंपों पर भी एक एन्फोर्समेंट ड्राइव शुरू करने जा रही है. इसमें वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना पकड़े जाने पर लाइसेंस सस्पेंड होने से लेकर मोटा चालान भी हो सकता है.

प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली में 2-3 महीने बाद प्रदूषण शुरू हो जाएगा. ऐसे में हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम हो सके. ऐसे में इन वाहन मालिकों से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कहा गया है. दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) को लेकर परिवहन विभाग उन वाहनों की सूची दुरुस्त कर ली है. जिसकी पीयूसी की वैधता खत्म हो चुकी है, उन वाहन मालिकों को जल्द मोबाइल संदेश भेज 15 दिनों में अपने वाहनों की प्रदूषण जांच कराने की सलाह दी जाएगी. इसके बाद अगर बिना वैध पीयूसी के कोई वाहन चलाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनाने के तरीकेप्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र दो तरीके से बनवा सकते हैं. पहला प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को वाहन जांच केंद्र पर जाना पड़ेगा. दिल्ली के करीब 900 पेट्रोल पंपों पर यह सुविधा उपलब्ध है. यहां पर वाहन जांच केंद्र का कार्यपालक गाड़ी का प्रदूषण चेक करता है. फिर जांच के बाद एक प्रमाण पत्र जारी करता है. दूसरा तरीका यह है कि आप परिवहन विभाग के व्हीकल पॉल्यूशन के वेबसाइट पर जाएं. आवेदन के लिए न्यू पॉल्यूशन सर्टिफिकेट पर क्लिक करें. आवेदन फार्म भरें. इसकी अगली कड़ी में संबंधित कागजात अपलोड करें. आवेदन फॉर्म जमा करें. भुगतान करें. कुल मिलाकर अब राजधानी दिल्ली में अगर आप गाड़ी में ईंधन भरवाने जा रहे हों तो घर से निकलने से पहले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जरूर चेक कर लें.
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो होगी कार्रवाई
इसलिए भी जरूरी है यह प्रमाण पत्रसेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के मुताबिक, सभी दोपहिया वाहनों को हर साल प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनवाना होता है. जबकि चार पहिया वाहन के मामले में BS-IV के लिए यह एक साल का होता है, जबकि अन्य वाहन के लिए इसकी अवधि तीन महीने होती है. परिवहन विभाग के द्वारा पिछले साल 60 लाख से ज्यादा सर्टिफिकेट जारी किए गए. सर्टिफिकेट में वाहनों में कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की जांच की जाती है और सर्टिफिकेट जारी किया जाता है.

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