नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज की मस्जिद परिसर के चार फ्लोर शब-ए-बारात के लिए खोलने की अनुमति दे दी है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने नमाज अता करने के लिए केवल 100 लोगों को ही प्रवेश करने की दिल्ली पुलिस के प्रतिबंध को हटाते हुए कहा कि प्रबंधन इस बात को सुनिश्चित करेगा कि हर फ्लोर पर नमाजियों को प्रवेश देते समय सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन हो.
आज दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मस्जिद बंगले वाली के ग्राउंड फ्लोर और बाकी तीन फ्लोर को शब-ए-बारात के एक दिन पहले 12 बजे दिन में खोल दिया जाएगा औऱ शब-ए-बारात के अगले दिन शाम चार बजे बंद कर दिया जाएगा. सुनवाई के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि मस्जिद परिसर में केवल नमाज और धार्मिक कार्य किए जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई विदेशी नागरिक मस्जिद परिसर में प्रवेश करना चाहेगा तो उसे अपना पहचान पत्र प्रबंधन को दिखाना होगा. प्रबंधन उस विदेशी नागरिक का पहचान पत्र स्थानीय SHO को सौंपेगा. 14 मार्च को कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से कहा था कि वो निजामुद्दीन मरकज को पूरी तरीके से खोलने के लिए स्थानीय थाने के SHO को आवेदन दें. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि अगर दिल्ली वक्फ बोर्ड शब-ए-बारात और रमजान में मस्जिद परिसर को खोलने क लिए याचिका दायर करती है तो वो इस पर निष्पक्ष रूप से विचार करेगी.
23 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से वकील संजय घोष ने कहा था कि शब-ए-बारात का त्योहार नजदीक आ रहा है और यह मार्च के मध्य में है. रमजान का महीना भी दो अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो चांद देखे जाने पर निर्भर होगा. उन्होंने इस दौरान निजामुद्दीन मरकज स्थित मस्जिद को खोलने की मांग की. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मरकज को खोलना दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार के दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा. केंद्र की ओर से वकील रजत नायर ने कहा था कि इसके लिए पुलिस और वक्फ बोर्ड ने संयुक्त रूप से मस्जिद परिसर का निरीक्षण किया है. निरीक्षण में धार्मिक स्थल और अन्य जरूरतों वाली जगहों की पहचान की गई है. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. बता दें कि मार्च 2020 में निजामुद्दीन मरकज स्थित मस्जिद में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसमें विदेशी नागरिक आए थे. उसके बाद पुलिस ने इस मस्जिद को सील कर दिया था.
शब-ए-बारात पर निजामुद्दीन मरकज के खोले जाएंगे चार फ्लोर
दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मस्जिद बंगले वाली के ग्राउंड फ्लोर और बाकी तीन फ्लोर को शब-ए-बारात के एक दिन पहले 12 बजे दिन में खोल दिया जाएगा औऱ शब-ए-बारात के अगले दिन शाम चार बजे बंद कर दिया जाएगा. सुनवाई के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि मस्जिद परिसर में केवल नमाज और धार्मिक कार्य किए जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई विदेशी नागरिक मस्जिद परिसर में प्रवेश करना चाहेगा तो उसे अपना पहचान पत्र प्रबंधन को दिखाना होगा. प्रबंधन उस विदेशी नागरिक का पहचान पत्र स्थानीय SHO को सौंपेगा.
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज की मस्जिद परिसर के चार फ्लोर शब-ए-बारात के लिए खोलने की अनुमति दे दी है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने नमाज अता करने के लिए केवल 100 लोगों को ही प्रवेश करने की दिल्ली पुलिस के प्रतिबंध को हटाते हुए कहा कि प्रबंधन इस बात को सुनिश्चित करेगा कि हर फ्लोर पर नमाजियों को प्रवेश देते समय सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन हो.
आज दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मस्जिद बंगले वाली के ग्राउंड फ्लोर और बाकी तीन फ्लोर को शब-ए-बारात के एक दिन पहले 12 बजे दिन में खोल दिया जाएगा औऱ शब-ए-बारात के अगले दिन शाम चार बजे बंद कर दिया जाएगा. सुनवाई के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि मस्जिद परिसर में केवल नमाज और धार्मिक कार्य किए जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई विदेशी नागरिक मस्जिद परिसर में प्रवेश करना चाहेगा तो उसे अपना पहचान पत्र प्रबंधन को दिखाना होगा. प्रबंधन उस विदेशी नागरिक का पहचान पत्र स्थानीय SHO को सौंपेगा. 14 मार्च को कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से कहा था कि वो निजामुद्दीन मरकज को पूरी तरीके से खोलने के लिए स्थानीय थाने के SHO को आवेदन दें. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि अगर दिल्ली वक्फ बोर्ड शब-ए-बारात और रमजान में मस्जिद परिसर को खोलने क लिए याचिका दायर करती है तो वो इस पर निष्पक्ष रूप से विचार करेगी.
23 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से वकील संजय घोष ने कहा था कि शब-ए-बारात का त्योहार नजदीक आ रहा है और यह मार्च के मध्य में है. रमजान का महीना भी दो अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो चांद देखे जाने पर निर्भर होगा. उन्होंने इस दौरान निजामुद्दीन मरकज स्थित मस्जिद को खोलने की मांग की. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मरकज को खोलना दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार के दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा. केंद्र की ओर से वकील रजत नायर ने कहा था कि इसके लिए पुलिस और वक्फ बोर्ड ने संयुक्त रूप से मस्जिद परिसर का निरीक्षण किया है. निरीक्षण में धार्मिक स्थल और अन्य जरूरतों वाली जगहों की पहचान की गई है. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. बता दें कि मार्च 2020 में निजामुद्दीन मरकज स्थित मस्जिद में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसमें विदेशी नागरिक आए थे. उसके बाद पुलिस ने इस मस्जिद को सील कर दिया था.