नई दिल्ली: चीन से एमबीबीएस करने वाले छात्र रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल में लगातार चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें रजिस्ट्रेशन नहीं दिया जा रहा है. अलग-अलग बहाने से उनके रजिस्ट्रेशन को टाला जा रहा है. वहीं जिन छात्रों ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल के लेटलतीफी से परेशान होकर सोशल मीडिया का सहारा लिया उनके आवेदन को निरस्त कर दिया गया है.
इस संबंध में आवेदन स्वीकार करने और फीस जमा कराने के बावजूद उनके आवेदन को एक ईमेल भेजकर कैंसिल कर दिया गया. बाद में यही छात्र जब दिल्ली मेडिकल कॉउन्सिल के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर अपने एप्लीकेशन का स्टेटस जानना चाहा तो उन्हें बताया गया कि उनके रजिस्ट्रेशन का मामला अभी एमसीआई के पास लंबित है, वहां से अप्रूवल मिलने के बाद रेजिस्ट्रेशन दिया जाएगा.
इस दौरान एक अच्छी बात यह हुई कि दिल्ली मेडिकल कॉउन्सिल के पूर्व सदस्य डॉ अनिल बंसल ने एमसीआई की गाइडलाइन के तहत डीएमसी को इन छात्रों को रेजिस्ट्रेशन देने के लिए बाध्य बताया है. बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और 1 साल के जरूरी इंटर्नशिप करने के बाद लौटे 9000 छात्रों के साथ यह समस्या आ रही है.
ऐसे छात्रों को भारत में कहीं भी प्रैक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन दिया जा सकता है. डॉक्टर बंसल ने बताया कि फरवरी 2020 में दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने एक आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया कि कोई भी छात्र जो विदेश से एमबीबीएस करके आया है और उसे दिल्ली मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन लेना है तो उन्हें भारत के किसी अस्पताल में 1 साल तक इंटर्नशिप करनी होगी. पर अब एमसीआई का एक नया ऑर्डर सामने आया है जिसके मुताबिक दिसंबर 2019 तक चीन में इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को भी दिल्ली मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन देने के लिए बाध्य है.