नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने एक मामले में जब आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई तो शिकायतकर्ता ने बड़ी साजिश रच डाली. उसने सुपारी देकर अपने एक दोस्त पर गोली चलवाई और इसका आरोप पुरानी FIR के आरोपी पर लगवा दिया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस ने साजिश से पर्दा हटा दिया. पुलिस ने इस मामले में साजिशकर्ता सहित हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें एक राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सर भी शामिल है जो डीपीएस का छात्र रहा है. वहीं घायल शख्स को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर गिरफ्तार किया जाएगा.
डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार, बीते 28 अप्रैल की देर रात माता सुंदरी रोड के पास गोली चलने की कॉल पुलिस को मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि बदायूं के रहने वाले भूरे नामक युवक को दो लोगों ने गोली मारी है. इनके नाम में महफूज और फहीम बताए गए. गोली लगने से घायल हुए भूरे को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मौके पर क्राइम टीम के अलावा एफएसएल टीम को भी बुलाया गया. मौके से एक गोली का खोल और खून के सैंपल उठाए गए. भूरे द्वारा दिए गए बयान पर हत्या प्रयास, गवाह को धमकाने और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया.
घायल शख्स ने पुलिस को बताया कि आईपी एस्टेट थाने में उसके साथी रहीस की शिकायत पर बीते नवम्बर माह में एक FIR दर्ज हुई थी. इसमें महफूज और फहीम आरोपी हैं. इस मामले में हाईकोर्ट ने महफूज को गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. उसने आरोप लगाया कि वह दोनों अपना चेहरा ढक कर स्कूटी से आए और रहीस पर गोली चलाई. लेकिन यह गोली रहीस की जगह भूरे को लगी. एलएनजेपी चौकी इंचार्ज श्री नारायण ओझा की देखरेख में पुलिस टीम ने आसपास लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला. आरोपियों की कॉल डिटेल भी खंगाली गई. इसके अलावा शिकायतकर्ता और रहीस के कॉल डिटेल भी खंगाले गए. इन सबसे पता चला कि हमला महफूज और फहीम ने नहीं किया है.
टेक्निकल सर्विलांस से यह भी पता चला कि वारदात के समय वह दोनों मौके पर मौजूद ही नहीं थे. इससे पुलिस को शिकायतकर्ता पर शक हुआ. भूरे के साथ मौजूद रहीस की कॉल डिटेल को जब पुलिस ने खंगाला तो पता चला कि एक नंबर से कई बार उसकी बातचीत हुई है. उस नंबर के बारे में छानबीन की गई तो वह मौके पर मौजूद था. यह मोबाइल नंबर मीर दर्द रोड निवासी कमरुद्दीन का निकला. उसके खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस टीम ने जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि रहीस महफूज को जेल भेजना चाहता था. हाई कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. इसलिए उसने अपने करीबी भूरे, कमरुदीन उर्फ सोनी और स्वयंभू स्वामी के साथ मिलकर यह साजिश रची थी.
पुलिस ने इनके पास से दो देशी कट्टे, पांच जिंदा कारतूस, 1,60,500 रुपये नकद (सुपारी की राशि जो कमरुद्दीन को दी गई थी) बरामद किए हैं. इसके अलावा वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई स्कूटी भी पुलिस ने जब्त की है. गिरफ्तार किया गया स्वयंभू स्वामी दिल्ली पब्लिक स्कूल का छात्र रहा है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइंस ग्रेजुएट है. वह एक राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सर है और इसमें रजत पदक विजेता रहा है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. चौथा आरोपी भूरे अभी अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं हुआ है. उसकी गिरफ्तारी बाद में की जाएगी.
हत्या प्रयास के झूठे केस में फंसाने की साजिश, राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर सहित तीन गिरफ्तार
टेक्निकल सर्विलांस से यह भी पता चला कि वारदात के समय वह दोनों मौके पर मौजूद ही नहीं थे. इससे पुलिस को शिकायतकर्ता पर शक हुआ. भूरे के साथ मौजूद रहीस की कॉल डिटेल को जब पुलिस ने खंगाला तो पता चला कि एक नंबर से कई बार उसकी बातचीत हुई है. उस नंबर के बारे में छानबीन की गई तो वह मौके पर मौजूद था.
नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने एक मामले में जब आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई तो शिकायतकर्ता ने बड़ी साजिश रच डाली. उसने सुपारी देकर अपने एक दोस्त पर गोली चलवाई और इसका आरोप पुरानी FIR के आरोपी पर लगवा दिया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस ने साजिश से पर्दा हटा दिया. पुलिस ने इस मामले में साजिशकर्ता सहित हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें एक राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सर भी शामिल है जो डीपीएस का छात्र रहा है. वहीं घायल शख्स को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर गिरफ्तार किया जाएगा.
डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार, बीते 28 अप्रैल की देर रात माता सुंदरी रोड के पास गोली चलने की कॉल पुलिस को मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि बदायूं के रहने वाले भूरे नामक युवक को दो लोगों ने गोली मारी है. इनके नाम में महफूज और फहीम बताए गए. गोली लगने से घायल हुए भूरे को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मौके पर क्राइम टीम के अलावा एफएसएल टीम को भी बुलाया गया. मौके से एक गोली का खोल और खून के सैंपल उठाए गए. भूरे द्वारा दिए गए बयान पर हत्या प्रयास, गवाह को धमकाने और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया.
घायल शख्स ने पुलिस को बताया कि आईपी एस्टेट थाने में उसके साथी रहीस की शिकायत पर बीते नवम्बर माह में एक FIR दर्ज हुई थी. इसमें महफूज और फहीम आरोपी हैं. इस मामले में हाईकोर्ट ने महफूज को गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. उसने आरोप लगाया कि वह दोनों अपना चेहरा ढक कर स्कूटी से आए और रहीस पर गोली चलाई. लेकिन यह गोली रहीस की जगह भूरे को लगी. एलएनजेपी चौकी इंचार्ज श्री नारायण ओझा की देखरेख में पुलिस टीम ने आसपास लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला. आरोपियों की कॉल डिटेल भी खंगाली गई. इसके अलावा शिकायतकर्ता और रहीस के कॉल डिटेल भी खंगाले गए. इन सबसे पता चला कि हमला महफूज और फहीम ने नहीं किया है.
टेक्निकल सर्विलांस से यह भी पता चला कि वारदात के समय वह दोनों मौके पर मौजूद ही नहीं थे. इससे पुलिस को शिकायतकर्ता पर शक हुआ. भूरे के साथ मौजूद रहीस की कॉल डिटेल को जब पुलिस ने खंगाला तो पता चला कि एक नंबर से कई बार उसकी बातचीत हुई है. उस नंबर के बारे में छानबीन की गई तो वह मौके पर मौजूद था. यह मोबाइल नंबर मीर दर्द रोड निवासी कमरुद्दीन का निकला. उसके खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस टीम ने जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि रहीस महफूज को जेल भेजना चाहता था. हाई कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. इसलिए उसने अपने करीबी भूरे, कमरुदीन उर्फ सोनी और स्वयंभू स्वामी के साथ मिलकर यह साजिश रची थी.
पुलिस ने इनके पास से दो देशी कट्टे, पांच जिंदा कारतूस, 1,60,500 रुपये नकद (सुपारी की राशि जो कमरुद्दीन को दी गई थी) बरामद किए हैं. इसके अलावा वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई स्कूटी भी पुलिस ने जब्त की है. गिरफ्तार किया गया स्वयंभू स्वामी दिल्ली पब्लिक स्कूल का छात्र रहा है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइंस ग्रेजुएट है. वह एक राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सर है और इसमें रजत पदक विजेता रहा है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. चौथा आरोपी भूरे अभी अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं हुआ है. उसकी गिरफ्तारी बाद में की जाएगी.