नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर भले ही कम हो गया हो लेकिन खादर इलाके में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बाढ़ से विस्थापित लोग बीते 1 हफ्ते से सड़क पर रहने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से इंतजाम तो किया गया है लेकिन यह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहा है. दर्जनों परिवार दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के किनारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.
बारिश में ये लोग अपने बच्चों के साथ किसी तरीके से सिर छुपाने की जद्दोजहद में जुटे है. पॉलीथिन की चादर के सहारे ये लोग अपने सामानों को ढ़क कर बचाने में जुटे हैं.
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि लगभग 1 हफ्ते से वे लोग सड़क किनारे रह रहे हैं . सरकार की तरफ से टेंट तो लगाया गया है लेकिन टेंट की संख्या बहुत कम है. जिसकी वजह से उन्हें टेंट नहीं मिल पाया.
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दिल्ली सरकार की तरफ से पानी का इंतजाम तो किया गया है लेकिन शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं हैं. जिससे महिला को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सही तरीके से भोजन की भी व्यवस्था नहीं है. घंटों लाइन में लगने पर भी कई बार ऐसा होता है कि उनका नंबर आने से पहले ही खाना खत्म हो जाता है.
बता दें कि पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था. जिससे यमुना खादर इलाके में बाढ़ की स्थिति बन गई थी. खादर की झुग्गी बस्तियों में पानी घुस गया था. जिसके बाद इन झुग्गी बस्तियों रह रहे लोग अपने सामान और पशुओं को लेकर सड़कों पर आ गए हैं.
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