नई दिल्ली: आत्महत्या मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि सुसाइड नोट के बावजूद पुलिस आरोपी पर कार्रवाई नहीं कर रही है. दरअसल पांच दिन पहले जहांगीरपुरी में एक युवक ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक युवक का नाम योगेंदर था और उम्र 24 साल.
मौत से पहले सुसाइड नोट में युवक ने अपनी मौत का जिम्मेदार इलाके के ही एक प्रॉपर्टी डीलर को बताया है, जिसे साठ हजार रुपये उधर दिए हुए थे. मृतक अपने छोटे से परिवार के लिए अकेला ही कमाने वाला था और साप्ताहिक बाजारों में सब्जी के मसालों की दुकान लगाता था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस मौत के पांच दिन बाद भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं कर रही है.
मौत से पहले छोड़ा सुसाइड नोट
परिजनों के मुताबिक योगेंदर ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था. इसमें लिखा था कि मेरी मौत का जिम्मेदार मनोज है, जो जहांगीरपुरी के ही जी-ब्लॉक में रहता है. लॉकडाउन से पहले योगेंदर ने मनोज को साठ हजार रुपये दिए थे और जब उससे पैसे वापस मांगे तो वह टालमटोल करता रहा.
लॉकडाउन के कारण योगेंदर को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अब योगेंदर को पैसों की सख्त जरूरत थी. इसके बाद योगेंदर ने बार-बार पैसे लौटाने को कहा. मनोज ने योगेंदर को पैसे देने के बहाने 20 जुलाई 2020 को अपनी i20 कार के अंदर बुलाया. इस दौरान पैसे के लेनदेन को लेकर काफी बहस भी हुई. इसके बाद मनोज ने कहा कि मैं तेरे पैसे नहीं देता जो करना है कर ले.
मौत का कारण भी बताया
आगे मृतक ने लिखा है कि मनोज ने मुझसे कहा कि अगर अब पैसे मांगने मेरे घर आएगा तो उसका जी-ब्लॉक में रहना और काम करना मुश्किल कर दूंगा. इसके बाद योगेंदर को लगा कि उसके पैसे डूब गए हैं. योगेंदर के पास माल लाने के लिए भी पैसे नहीं थे और लॉकडाउन के कारण उस पर काफी कर्ज था, अगर मनोज मुझे पैसे दे देता है मेरी जान भी बच सकती थी.
मौत के पांच दिन बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं
अब परिवार का आरोप है कि योगेंदर की मौत हुए 5 दिन हो गए हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक FIR तक दर्ज नहीं की है और ना ही मनोज को बुलाकर उससे कोई पूछताछ की है. उल्टा हम पर ही दबाव बनाया जा रहा है कि कुछ ले देकर मामले को रफा-दफा करें. पीड़ित परिवार पुलिस से इंसाफ की गुहार लगा रहा है.