नई दिल्ली: राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों ने त्योहारों की खुशी फीकी कर दी है. बड़े ही हर्षोल्लाष के साथ मनाये जाने वाला पर्व कोरोना की भेंट चढ़ गया. लोहड़ी की अग्नि और प्रसाद का वितरण सीमित तरीके से ही किया गया.
वेस्ट दिल्ली के तमाम हिस्सों में सिर्फ सामान्य तरीके से ही लोहड़ी मनाई गई. लोगों की भीड़ महज गिनती की थी. कोरोना के डर की वजह से लोहड़ी जलाते वक्त इक्का, दुक्का लोग ही दिखाई दिए.
इसे भी पढ़ें: दिल्ली में कोरोना का असर : लोहड़ी पर बाजार खाली, दुकानदार परेशान
क्यों मनाया जाता है ये पर्व?
हर साल तमाम खुशियां लेकर आने वाला ये पर्व लोगों के लिए एक बेहतर उम्मीद की किरण लेकर आती है. लोहड़ी का संबंध फसल की बुवाई और उसकी कटाई से देखा जाता है. लोहड़ी हमेशा रात के समय ही जलाई जाती है. मान्यता है कि लोहड़ी जलाकर सूर्य और अग्नि देव का आभार व्यक्त किया जाता है, ताकि उनकी फसल अच्छी होती रहे.