नई दिल्लीः दिल्ली में इन दिनों बेमौसम की बारिश से (Heavy Rain in Delhi) किसानों पर लगातार आफत टूट रही है. किसानों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी बारिश होगी और उनकी फसल को नुकसान पहुंचेगा. दिल्ली में यमुना किनारे खेती करने वाले किसान ज्यादातर सब्जियों की खेती करते हैं और लगातार हुई बारिश की वजह से सब्जियों को काफी नुकसान (vegetable crops damaged in Delhi) हुआ है. इन किसानों को लाखों रुपए का घाटा इस सीजन में हो चुका है. अब परेशान किसान सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि बारिश से हुए नुकसान की भरपाई की जाए.
दिल्ली में यमुना किनारे खेती करने वाले किसान इस समय बारिश की मार झेल रहे हैं. बुराड़ी इलाके में यमुना किनारे खेती करने वाले की बुजुर्ग किसान हनीफ ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ आने की वजह से ज्यादातर किसान एक ही फसल की खेती करते हैं ओर पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किसानों को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है. यमुना में बाढ़ आने की वजह से हुए नुकसान की भरपाई अभी तक नहीं हुई थी और उसके बाद बारिश ने एक बार फिर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
जब किसानों को बारिश की उम्मीद थी तो मानसून में बारिश नहीं हुई और अब इस बारिश से मेथी, गोभी, पपीता और धान सहित तमाम सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ है. किसानों ने बताया कि सब्जियों की फसल को कम से कम पानी की जरूरत होती है और लगातार चार दिनों तक हुई बारिश के बाद सब्जियों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. जो फसल पककर तैयार थी, वह अब पूरी तरह खराब हो गई है. उन्हें इस सीजन में करीब 8 से 9 लाख रुपये का घाटा हुआ है.
उनका कहना था कि गरीब किसान की हिम्मत नहीं होती कि वह इस तरह के मोटे घाटे को बर्दाश्त कर सके. उन्होंने बताया कि इलाके के लोगों की 20 एकड़ जमीन पर फसलों की बुवाई करते हैं, जिसमें मालिक को जमीन की उगाही भी देनी होती है और उन्हें कई बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हुए भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है.
वहीं, एक अन्य किसान जुबेर ने बताया कि वह यमुना किनारे पिछले कई सालों से खेती कर रहा है. उसने भी खेतों में धान, मेथी और गोभी की फसल अपने खेत में उगाई हुई थी. बरसात की वजह से गोभी और मेथी के पौधे खराब हो गए और गोभी की जो फसल पककर तैयार थी, उसमें कीड़ा लग गया. जबकि करीब 10 एकड़ जमीन पर मेथी उगाई हुई थी. मेथी अब कटकर मंडी जाने के लिए तैयार थी लेकिन बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है.
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उनका कहना है कि अभी पिछली आफत से नहीं उबर सके थे और इस तरह से बारिश उनके ऊपर कहर बनकर टूटी है, जिसका खामियाजा किसानों को लंबे समय तक उठाना पड़ेगा. ये किसान खेत में ही रहकर अपने आजीविका के लिए किराए की जमीन पर खेती करते हैं.
किसानों की मांग है कि बार-बार यमुना किनारे खेती करने वाले किसानों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है. उसके एवज में सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं दी जाती. हर साल बाढ़ का सामना करना पड़ता है और यदि इस तरह से बेमौसम बरसात हो जाए तो किसानों को काफी मुश्किल हालातों से जूझना पड़ता है. अब सरकार किसानों के हुए नुकसान को देखते हुए उन्हें उचित मुआवजे का ऐलान करें.