नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन की पवित्रता का जिक्र किया और कहा कि कुछ लोग इस पवित्रता को आंदोलन में शामिल होकर खराब कर रहे हैं. इसका जवाब देते हुए किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान आंदोलन की पवित्रता का तो जिक्र करते हैं और कहते हैं कि कुछ लोग इसकी पवित्रता को खराब कर रहे हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दे रहे है कि बीजेपी के ही लोग आंदोलन और किसानों पर पत्थर फेंक हमला कर रहे हैं.
नरेला और बवाना इलाके के दो बीजेपी के कार्यकर्ताओं का नाम लेकर स्वर्ण सिंह पंढेर ने कहा कि उन लोगों को पहचान भी लिया गया है. बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ उनके फोटो भी हैं. बावजूद इसके उनके ऊपर कार्रवाई नहीं की गई. श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि प्रधानमंत्री बातचीत को आगे बढ़ाना चाहते हैं और बिल पर चर्चा करना चाहते हैं. सरकार के साथ चर्चा काफी हो चुकी है. अब तो निर्णय होना है. खुद प्रधानमंत्री इस बिल को डेढ़ साल पर होल्ड की बात कह रहे हैं, इसका मतलब कहीं न कहीं, उसमें कमी है और खुद कह रहे हैं कि इसमें कोई कमी नहीं है. इसे लागू करने में मदद कीजिए. यदि कमी नहीं है तो उनसे कैसे बातचीत हो पाएगी. क्योंकि वह अपनी कानून की कमी मानेंगे ही नहीं तो कैसे बातचीत आगे बढ़ेगी.
'सरकार बनाए किसानों से बातचीत का माहौल'
इस पर श्रवण सिंह ने कहा कि बातचीत से पहले सरकार को माहौल भी बनाना चाहिए. किसानों के आगे और पीछे से गाड़ी जा रही है. किसानों के टॉयलेट की तरफ जाने के रास्ते बैटिंग कर के बंद कर दिए गए हैं. किसानों के पानी के रास्ते बंद कर दिए गए हैं. किसानों का बिजली पानी आदि बंद करके कैसे बातचीत की जा सकती है. पहले सरकार को सामान्य माहौल बनाना होगा. उसके बाद ही बातचीत आगे बढ़ पाएगी.