नई दिल्लीः नीट पीजी एडमिशन मामले को लेकर विगत 1 सप्ताह से चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स के धरना प्रदर्शन (Resident doctors protest ) को लेकर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन एवं ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयुक्त मीटिंग में धरना प्रदर्शन को जाारी रखने एवं इमरजेंसी सेवा को ठप (decided to stop the emergency service) रखने का निर्णय लिया गया है. मीटिंग में सरकार के वकील की तरफ से लेटर जारी किया गया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर फास्टट्रैक में तारीख लेने की बात कही गई थी उस पर चर्चा की गई.
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रोहन कृष्णन ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर्स एवं ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ मिलकर की. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकार की तरफ से जारी की गई चिट्ठी का कोई मतलब नहीं है. जब तक इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
डॉक्टर रोहन ने बताया कि दो ही परिस्थितियों में धरना प्रदर्शन को खत्म करने के बारे में सोच सकते हैं. या तो सरकार की तरफ से मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो छह जनवरी की तारीख दी गई है इसे परे रखते हुए इससे भी पहले की तारीख दी जाए. डॉक्टर रोहन ने कहा कि वह मरीजों को किसी तरह से परेशान नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि उन्हें मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा.
इसे भी पढ़ेंः DDU के डॉक्टर्स ने NEET पीजी काउंसलिंग के लिए निकाला मार्च
डॉ रोहन ने बताया कि सरकार की तरफ से अभी तक ऐसी कोई भी बात नहीं सामने आई है या कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे हमें यह भरोसा हो सके कि जल्दी ही नीट काउंसलिंग (NEET pg admission) की प्रक्रिया शुरू होगी और एडमिशन होना शुरू हो जाएगा. रेजिडेंट डॉक्टर को जब तक यह विश्वास नहीं होगा कि उनकी समस्या खत्म करने के लिए ठोस निर्णय लिया गया है तब तक धरना प्रदर्शन (decided to stop the emergency service) करने के लिए विवश हैं.
डॉक्टर रोहन ने बताया कि वह खुद संवेदनशील हैं और मरीजों की परेशानी को बेहतर समझ रहे हैं. इमरजेंसी सेवा बंद कर उन्हें खुद बुरा लग रहा है, हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इमरजेंसी सेवा बहाल हो. सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर अपने काम पर लौट आए और अपने मरीजों की सेवा में लग जाए. इसलिए सरकार से दोबारा अपील कर रहे हैं कि वह अपने सॉलीसीटर जनरल की मदद से हमें सुप्रीम कोर्ट में जल्दी डेट दिलवाए या फिर पुराने वाले शेड्यूल के मुताबिक काउंसलिंग शुरू की जाए. डॉक्टर रोहन ने बताया कि जिन्होंने केस किया है दूसरी पार्टी, उनसे भी बात हुई है. पुराने शेड्यूल और पुरानी पॉलिसी से काउंसलिंग के लिए वे भी तैयार हैं. इसलिये जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जाय और धरना प्रदर्शन समाप्त करने का रास्ता साफ करे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप