ETV Bharat / city

'पति की जिंदगी बर्बाद कर दी, 16 साल पुरानी शादी रद्द', जानिए क्या है पूरा मामला

author img

By

Published : Dec 25, 2021, 3:21 PM IST

Failure to disclose mental disorder before marriage constitutes fraud says Delhi High Court
Failure to disclose mental disorder before marriage constitutes fraud says Delhi High Court

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 16 साल पुरानी शादी को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि शादी से पहले मानसिक विकार का खुलासा करने में विफलता छोखाधड़ी है.

नई दिल्ली: जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की खंडपीठ ने यह भी कहा कि इस लंबी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप पति का जीवन बर्बाद हो गया था, और वह 16 साल तक बिना किसी मतलब के एक रिश्ते में फंसा रहा, जिससे उसने अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वर्षों जिसे वो अन्यथा, वैवाहिक आनंद और संतुष्टि का आनंद लेता, उसे बर्बाद कर दिया.

अदालत संदीप अग्रवाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12 के तहत उनके तलाक के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने दिसंबर 2005 में एक लड़की से शादी की. हालांकि, उसके परिवार ने इस महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा नहीं किया कि वह एक्यूट सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थी.

याचिकाकर्ता पति ने आगे कहा कि उसने अपने वैवाहिक घर में रहने और अपने हनीमून के दौरान “असामान्य तरीके” से हरकतें किया.

फिर वह उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट सहित कई डॉक्टरों के पास ले गया, जिन्होंने उसे सिज़ोफ्रेनिया का निदान किया.

शादी के ठीक नौ हफ्ते बाद, याचिकाकर्ता ने पत्नी के परिवार का सामना किया और वे उसे घर ले गए.

पत्नी ने कोर्ट को दिए अपने लिखित बयान में कहा कि वह कभी किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित नहीं रही. हालांकि, बयान में यह भी जोड़ा गया है कि कॉलेज के दिनों में उन्हें सिरदर्द का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई बंद कर दी थी, और यह उनके पति के परिवार को बताया गया था.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा-

महिला ने कोर्ट द्वारा नियुक्त मेडिकल बोर्ड के मूल्यांकन से साफ इनकार कर दिया था, नतीजतन, बेंच ने कहा कि इससे प्रतिवादी पत्नी के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकलेगा, क्योंकि वह सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित है. कोर्ट ने कहा कि यह तथ्य कि पक्ष नौ सप्ताह से अधिक समय तक एक साथ नहीं रह सके हैं, यह दर्शाता है कि प्रतिवादी पत्नी का मानसिक विकार इस तरह का है कि वह शादी और बच्चे पैदा करने के लिए अनुपयुक्त है.

पीठ ने यह भी कहा कि न तो पति और न ही उसके परिवार को मानसिक विकार के बारे में सूचित किया गया था, जिसे सिरदर्द के रूप में गलत माना गया था. नतीजतन, अदालत ने अपील की अनुमति दी और शादी को रद्द कर दिया. इसने याचिकाकर्ता के पति को 10,000 रुपये की सांकेतिक कीमत भी मंजूर की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.