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दिल्ली दंगा: विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेगा फेसबुक

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Published : Nov 2, 2021, 3:03 PM IST

फेसबुक ने 14 दिनों का मांगा समय
फेसबुक ने 14 दिनों का मांगा समय

उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान सोशल मीडिया साइट फेसबुक का जिस तरह इस्तेमाल हुआ था, विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने पिछले महीने फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधि को तलब किया था. अब फेसबुक इंडिया ने 27 अक्टूबर 2021 को दिए नोटिस के बाद विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली शांति और सद्भाव पर समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए 14 दिनों का समय मांगा है.

नई दिल्ली: फेसबुक ने राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली शांति और सद्भाव समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए 14 दिनों का समय मांगा है. समिति के सामने वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समय मांगा है, ताकि आवश्यक जानकारी और आवश्यक डाटा समिति को दिया जा सके. इसके संबंध में फेसबुक इंडिया के सार्वजनिक नीति प्रमुख ने ईमेल के जरिए 29 अक्टूबर 2021 को अनुरोध किया था. मंगलवार को समिति के अध्यक्ष और विधायक राघव चड्ढा ने फेसबुक के अनुरोध और उसमें बताए गए कारणों पर विचार करने के बाद फेसबुक इंडिया को उपयुक्त वरिष्ठ प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने के लिए समय देने का निर्णय लिया है.

अब समिति की कार्यवाही 18 नवंबरको दोपहर 12.30 बजे पुनर्निर्धारित की गई है, जोकि आज होनी थी. दिल्ली विधान सभा की शांति और सद्भाव समिति की पिछली कार्यवाही को जारी रखते हुए राघव चड्ढा की अध्यक्षता में फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए थे. फेसबुक इंडिया को 27 अक्टूबर .2021 को समन जारी किया गया था. हालांकि, फेसबुक ने उपयुक्त प्रतिनिधियों की पहचान करने के लिए समय मांगा. इसे मुद्दे के महत्व को ध्यान में रखते हुए फेसबुक के अनुरोध को स्वीकार किया गया है.

दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव संबंधी समिति दिल्ली में फरवरी 2020 में हुअ सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की समिति जांच कर रही है, ताकि हालात को शांत करने और धार्मिक समुदायों, भाषाई समुदायों या सामाजिक समूहों के बीच सद्भाव बहाल करने के लिए उपयुक्त उपायों की सिफारिश की जा सके.

इस मामले में ‌समिति ने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से पहले सात अत्यंत महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की है. पत्रकारों, पूर्व नौकरशाहों और सहित कई व्यक्तियों को सुन गया है. इनमें प्रख्यात पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता, डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता निखिल पाहवा, वरिष्ठ पत्रकार अवेश तिवारी, प्रख्यात स्वतंत्र और खोजी पत्रकार कुणाल पुरोहित, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और फेसबुक इंक के पूर्व कर्मचारी मार्क एस लक्की शामिल हैं. यह लोग समिति के समक्ष उपस्थित हुए और बहुमूल्य साक्ष्य एवं सुझाव प्रस्तुत किये.

समिति का मानना है कि हिंसा को बढ़ावा दे सकने वाले झूठे, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के प्रसार को रोकने में सोशल मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, जो हिंसा और असामंजस्य को बढ़ावा दे सकते हैं. चूंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में फेसबुक के लाखों उपयोगकर्ता हैं, इसलिए समिति ने 2 नवंबर को होने वाली बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधियों को अपने विचार रखने के लिए बुलाया है.

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