नई दिल्ली: दुनिया के पटल पर भारतीय मूल के पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) का नाम धूम मचा रहा है. इससे पहले शायद ही यह नाम किसे ने सुना होगा लेकिन जब से ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी ने अपने पद से इस्तीफा (Twitter CEO Jack Dorsey resigns) देते हुए ये घोषणा की है कि भारतीय मूल के पराग अग्रवाल अब ट्विटर के सीईओ (Twitter's new CEO Parag Agarwal) का पदभार संभालेंगे, तब से हर तरफ इसी नाम की चर्चा है.
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक पराग अग्रवाल माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के नए सीईओ (Twitter's new CEO Parag Agarwal) होंगे. इसके साथ ही पराग अग्रवाल भारतीय मूल के सिलिकॉन वैली (Silicon Valley) (अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को बे एरिया का एक ऐसा हिस्सा जहां दुनिया की प्रमुख आईटी कंपनीज हैं) सीईओ के समूह में शामिल हो गए हैं, जिसमें सुंदर पिचाई और सत्य नडेला जैसे नाम शामिल हैं.
पराग अग्रवाल का जन्म मुंबई में हुआ था. उन्होंने एटोमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल नंबर चार (Atomic Energy Central School No. Four) से पढ़ाई की. इनके पिता भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग (Indian Department of Atomic Energy) में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उनकी मां एक रिटायर्ड स्कूल शिक्षिका हैं. पराग 2001 में तुर्की में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भौतिकी ओलंपियाड (International Physics Olympiad) में स्वर्ण पदक जीता था. 2005 में IIT बॉम्बे (Indian Institute of Technology Bombay) से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग में बीटेक और कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) से कंप्यूटर साइंस में PHD की है.
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ट्विटर की कमान संभालने जा रहे पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) ने अक्टूबर 2011 में एक विज्ञापन इंजीनियर के रूप में ट्विटर ज्वाइन किया था. उनके काम से प्रभावित हो कर कंपनी ने कुछ दिन में ही उन्हें प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर इंजीनियर की उपाधि दी. उनका काम के प्रति लगन और उनकी मेहनत को देखते हुए 2017 कंपनी ने उन्हें सीटीओ (Chief Technology Officer) के पद पर नियुक्त किया, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई और अब पराग ट्विटर के नए सीईओ नियुक्त किए गए.
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सीटीओ (Chief Technology Officer) के रूप में पराग ट्विटर की तकनीकि रणनीति, उपभोक्ता और एआई की देखरेख का काम करते थे. पराग अग्रवाल ट्विटर के ब्लूस्की का नेतृत्व कर रहे थे, जिसका उद्देश्य इंटरनेट मीडिया के लिए एक खुला और विकेंद्रीकृत मानक बनाना था. ट्विटर से जुड़ने से पहले पराग ने एटी एंड टी, माइक्रोसॉफ्ट और याहू में रिसर्च इंटर्नशिप की थी.
तो ये थी पराग अग्रवाल के विज्ञापन इंजीनियर के पद से करियर की शुरुआत कर कंपनी के सीईओ बनने तक की कहानी. जिनकी जिंदगी हमे सीख देती है कि अगर आपमें काम करने का लगन है और आप अपने काम के प्रति इमानदार हैं तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी.
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