नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन किया जा चुका है. वहीं प्रशासन का दावा है कि लॉकडाउन के समय भी स्वास्थ्य सुविधाएं यथावत जारी है. जिसके लिए बाकायदा आपातकालीन नंबर भी जारी किए गए हैं, लेकिन हकीकत इन दावों से दूर नजर आती है. बता दें कि आज सुबह ईटीवी भारत ने एक खबर दिखाई थी कि एक महिला अपने बेटे को लेकर अंबेडकर नगर बस डिपो के पास भटक रही है, ईटीवी भारत के खबर दिखाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एम्बुलेंस मुहैया कराई.
सरकार के इंतजामों की खुली पोल
बता दें कि मामला खानपुर बस स्टैंड पर बैठी एक लाचार मां का है, जो सुबह से इस उम्मीद में बैठी थी कि कोई साधन मिले और वह अपने बच्चे को नज़दीकी अस्पताल तक ले कर जा सके. महिला से बात की गई तो महिला ने कहा कि उन्होंने कई बार आती जाती गाड़ियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कोई गाड़ी नहीं रुकी. एंबुलेंस भी उनके सामने से गुजरी, लेकिन एंबुलेंस चालक ने भी उनकी ओर ध्यान नहीं दिया. वहीं स्थानीय लोगों से बात करके पता चला कि लोगों ने उसे पीने के लिए पानी और खाने के लिए कुछ खाना दिया था. साथ ही सुबह 11बजे से लोग एंबुलेंस को फोन करके बुलाने में लगे थे, लेकिन एंबुलेंस शाम के लगभग 4 बजे पहुंची.
बिना मास्क के नज़र आए एंबुलेंस चालक
लापरवाही की हद तो तब हो गई जब एंबुलेंस चालक बिना मास्क लगाए नजर आया. इसको लेकर जब उससे पूछा गया कि उसने मास्क क्यों नहीं लगाया, तो उसने बताया कि उनके पास मास्क है ही नहीं. उसने अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी है. अब वह जल्द मास्क मुहैया कराएंगे, तभी वह इसे लगा सकेंगे. वहीं मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने एम्बुलेंस चालक को मास्क मुहैया कराया. ऐसे में देखा जा सकता है कि बढ़ते हुए संक्रमण से भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं.
वहीं एम्बुलेंस कर्मचारी से जब देरी का कारण पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें सूचना लगभग साढ़े तीन बजे मिली, जिसके बाद वे तत्काल सफदरजंग अस्पताल से वहां पहुंचे.