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#etvbharatdharma: सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में होगा गुरु का राशि परिवर्तन

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Published : Nov 20, 2021, 2:24 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 6:26 PM IST

GURU KA RAASHI PARIVARTAN
बृहस्पति का राशि परिवर्तन

दांपत्य सुख और मांगलिक कामों का प्रधान ग्रह बृहस्पति शनि ग्रह के साथ युति खत्म कर के आज कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. आज 20 नवंबर की मध्य रात्रि 11:17 बजे कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इस राशि परिवर्तन से कई लोगों को दांपत्य सुख भी मिलेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग में बृहस्पति का राशि परिवर्तन शुभ फल को बढ़ाएगा.

नई दिल्ली: बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर की यात्रा समाप्त करके आज 20 नवंबर की मध्य रात्रि 11:17 बजे कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इस राशि पर ये 13 अप्रैल 2022 तक गोचर करेंगे, उसके बाद मीन राशि में चले जाएंगे. धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति का राशि परिवर्तन पृथ्वी वासियों पर सर्वाधिक असर कारक रहता है. दांपत्य सुख और मांगलिक कामों का प्रधान ग्रह बृहस्पति ग्रह शनि के साथ युति खत्म कर के अब कुंभ राशि में रहेगा. इस राशि परिवर्तन से कई लोगों को दांपत्य सुख भी मिलेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग में बृहस्पति का राशि परिवर्तन शुभ फल को बढ़ाएगा.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि शनिवार 20 नवंबर 2021 यानी आज की रात 11:17 बजे गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. कुंभ शनि की स्वामित्व वाली राशि है. गुरु और शनि समभाव होते हैं यानी इनमें शत्रु भाव नहीं होता है. गुरु करीब 12 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. गुरु के कुंभ राशि में प्रवेश करने से शिक्षा, बैंक, वकालत, कपड़े, वाहन, ज्वेलरी, पशुपालन, कृषि, गुप्तचर एजेंसियां, विदेशों से इंपोर्ट और एक्सपोर्ट कर्म क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह गुरु का गोचर बेहद शुभ तथा लाभप्रद रहेगा. इसके साथ ही ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड, यूरिन, नेत्र, मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को गुरु के इस राशि परिवर्तन से स्वास्थ्य लाभ मिलेगा.

बृहस्पति का राशि परिवर्तन.

बृहस्पति शिक्षा क्षेत्र, ज्ञान-विज्ञान, शोधपरक कार्य, प्रवचनकर्ता, धर्म तथा अध्यात्म से जुड़े क्षेत्र, बैंकिंग सेक्टर, लेखन, प्रकाशन तथा संपादन के कार्य में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं. गुरु ग्रह कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के होते हैं. उच्च की स्थिति में शुभ फल प्रदान करते हैं और नीच की स्थिति में अशुभ. जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत भाव में होते हैं उन्हें सदैव शुभ फल प्रदान करते हैं.

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साल 2022 में गुरु ग्रह

शुभता प्रदान करने वाले बृहस्पति ग्रह साल 2022 में अपनी राशि बदलेंगे. ये 13 अप्रैल 2022 को स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे. साल के शुरुआती महीने में बृहस्पति कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे. फिर इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त होंगे. जहां से ये 27 मार्च 2022 को वापस से उदय होंगे. 13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे. इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे. फिर इसके बाद बृहस्पति 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे. साल के आखिर में यानी 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी होंगे.

राशि परिवर्तन का असर

बृहस्पति के राशि बदलने के कारण राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना है. इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है. विश्व में बहुत कुछ होगा और देखने को मिलेगा. कुंभ राशि में गुरु आने से राजनीति में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है. कई राज्यों में होने वाले चुनावों के नतीजे सत्तारुढ़ सरकारों के पक्ष में आने में दिक्कतें आ सकती हैं. मंहगाई घटेगी एवं करों का बोझ कम होगा. देश में रोगों की कमी होगी. जमीन, मकान सस्ते होंगे.

गुरू के उपाय

देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन 'ॐ भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का एक माला का जाप करें. साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें. गुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. इसके लिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं, बेसन के लड्डू का भोग लगाएं, किसी गौशाला में हरी घास दान करें, प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें.

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आइए जानते हैं कि गुरु का कुंभ राशि में प्रवेश करने से राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा-

मेष राशि

गुरु आपके लिए शुभ रहेंगे. मेष के लिए बृहस्पति नवम और 12वें घर का स्वामी हैं और ये आय के 11वें घर में गोचर कर रहे हैं.

वृषभ राशि

गुरु आपके लिए प्रसिद्धि दिलाएं. वृष चंद्र राशि के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं.

मिथुन राशि

आपके भाग्य को प्रबल बनाएंगे. मिथुन राशि के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी हैं, जो भाग्य भाव में गोचर कर रहे हैं.

कर्क राशि

आपके के लिए गुरु मिले-जुले परिणाम लेकर आ रहे हैं. कर्क राशि के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है और अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं.

सिंह राशि

आपके पास खुशियां आएंगी यह विवाह से संबंधित हो सकती है. सिंह राशि के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं.

कन्या राशि

आपके लिए यह परिवर्तन अच्छा नहीं रहेगा. समस्याएं कुछ ज्यादा परेशान कर सकती हैं. कन्या राशि के लिए बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी हैं.

तुला राशि

प्रेम संबंधों में आपको खुशियां प्राप्त होंगी. तुला राशि के लिए गुरु तीसरे और छठे भाव का स्वामी हैं, जो प्रेम, रोमांस और संतान के पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं.

वृश्चिक राशि

आपके खर्चे बढ़ सकते हैं. वृश्चिक राशि के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें घर के स्वामी हैं.

धनु राशि

आपके लिए सफलता के द्वार खुलेंगे. यह राशि परिवर्तन बहुत ही भाग्यशाली रहेगा. धनु राशि के लिए गुरु पहले और चौथे घर के स्वामी हैं.

मकर राशि

करियर में फायदा मिलने के संकेत हैं. मकर राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं.

कुंभ राशि

आपके लिए गुरु अच्छा और शुभ परिणाम देने वाले सिद्ध होंगे. यह पहले भाव में गोचर कर रहे हैं. कुंभ राशि के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं.

मीन राशि

आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. मीन राशि के लिए बृहस्पति दशम भाव और प्रथम भाव के स्वामी हैं.

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Last Updated :Nov 20, 2021, 6:26 PM IST
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