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अप्रैल में सभी नौ ग्रहों का राशि परिवर्तन, किन जातकों पर पड़ेगा असर, जानिए...

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Published : Apr 3, 2022, 1:08 PM IST

ज्याेतिष शास्त्र में ग्रहाें के राशि परिवर्तन का खास महत्व है, इस साल अप्रैल माह में अद्भुत संयाेग बनने वाला है. इस माह नाै ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों में गुरु, शनि और राहु-केतु काफी लंबे समय तक एक राशि में रुकते हैं, इस वजह से इनके राशि परिवर्तन का महत्व काफी अधिक है.

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अप्रैल में सभी नौ ग्रहों का राशि परिवर्तन

नई दिल्ली: ज्याेतिष शास्त्र में ग्रहाें के राशि परिवर्तन का खास महत्व है, इस साल अप्रैल माह में अद्भुत संयाेग बनने वाला है. इस माह नाै ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों में गुरु, शनि और राहु-केतु काफी लंबे समय तक एक राशि में रुकते हैं, इस वजह से इनके राशि परिवर्तन का महत्व काफी अधिक है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु ग्रह एक राशि में करीब 12-13 माह तक रहते हैं, शनि करीब ढाई साल और राहु-केतु 18-18 माह तक एक राशि में रहते हैं. मंगल ग्रह 45 दिन तक और बुध, शुक्र, सूर्य ग्रह करीब एक माह तक एक राशि में रहते हैं. जिसमें गुरु और शनि की चाल बदलती रहती है, यानी ये ग्रह मार्गी से वक्री और वक्री से मार्गी होते रहते हैं, इस वजह से इनकी एक राशि में रुकने की अवधि कम या ज्यादा हो सकती है. शुक्रवार से 2022 का चौथा महीना अप्रैल शुरू हो रहा है. इस महीने में धर्म और ज्योतिष के नजरिए से कई खास बातें होने वाली हैं. इस महीने की शुरुआत में हिन्दी नववर्ष शुरू होगा और अंत सूर्य ग्रहण होगा. हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. अप्रैल में 1 तारीख को चैत्र अमावस्या था. इस दिन संवत् 2078 खत्म हो गया. इसके बाद 2 तारीख से संवत् 2079 शुरू हो गया. इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो रही है. इस साल चैत्र नवरात्रि पूरे नौ दिन की रहेगी. 10 अप्रैल को श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

ज्योतिषीय नजरिए से अप्रैल बहुत खास रहने वाला है. इस महीने सभी 9 ग्रहों की चाल बदल जाएगी. ऐसा संयोग बहुत कम बनता है. अप्रैल में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु के राशि परिवर्तन का असर मौसम के साथ ही देश की राजनीति, न्याय, शिक्षा और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. इन ग्रहों के कारण बड़े प्रशासनिक बदलाव भी होंगे.

सभी नौ ग्रह अप्रैल में बदलेंगे राशि : इस बार अप्रैल ज्योतिष के लिहाज से बहुत खास है, क्योंकि इस महीने में सभी नौ ग्रह राशि बदल रहे हैं. ऐसा सैकड़ों सालों में होता है, तब एक ही महीने में सभी 9 ग्रह राशि बदलते हैं. 14 अप्रैल को सूर्य मीन से मेष राशि में प्रवेश करेंगे. 7 अप्रैल को शुक्र मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा. 8 अप्रैल को बुध ग्रह मीन से मेष राशि में और 24 अप्रैल को वृषभ राशि में जाएगा. 13 अप्रैल को गुरु कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेगा. 27 अप्रैल को शुक्र कुंभ राशि से मीन में जाएगा. 28 अप्रैल शनि मकर से निकलकर कुंभ में आ जाएगा. 12 अप्रैल को राहु मेष में और केतु तला राशि में आ जाएगा. चंद्र पर करीब ढाई दिन में राशि बदल लेता है.

संक्रमण से मिलेगी राहत : कुंभ राशि में गुरु के गोचर से खेती एवं व्यवसाय, रत्नों का काम करने वालों काे लाभ हाेगा. पिछले कुछ समय से कोरोना महामारी के चलते संघर्ष कर रहे लोग गुरु के इस गोचर से अब कुछ चैन की सांस ले सकेंगे. संक्रमण से लोगों को राहत मिलेगी. कुंभ में गुरु के गोचर से धार्मिक उत्सवों का आयोजन बढ़ेगा तथा दवा निर्माण के कार्य में भी तेजी आएगी. शनि के 30 साल बाद कुंभ राशि में जाने से मीन राशि के जातकों की साढ़े साती शुरू हो जाएगी.

शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती : शनि मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. इस राशि परिवर्तन से धनु राशि वाले लोगों पर चल रही साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी, जबकि मीन राशि वालों पर शुरू हो जाएगी. वहीं, कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी तो, मिथुन और तुला राशि वालों को इससे मुक्ति मिलेगी. शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेगा. इस दौरान टेढ़ी चाल चलते हुए कुछ महीने फिर से मकर राशि में भी रहेगा.

हिंदी और अंग्रेजी कैलेंडर की शुरुआत : हिंदु नववर्ष शनिवार को शुरू हो रहा है. लेकिन इस बार खास संयोग बन रहा है. जिसमें अंग्रेजी कैलेंडर का पहला और आखिरी दोनों दिन शनिवार रहेंगे. नए संवत्सर के राजा शनि देव रहेंगे. साथ ही इस साल शनि दो बार राशि बदलेगा और अपनी ही राशियों, मकर और कुंभ में रहेगा. ज्योतिषीयों का कहना है शनि की ये स्थिति शुभ रहेगी. नए संवत्सर में अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और दिसंबर में पांच शनिवार रहेंगे. इस हिंदु नववर्ष में हनुमान जयंती, पितृपक्ष, धनतेरस, मौनी अमावस्या और शिवरात्रि सहित 20 बड़े व्रत त्योहार शनिवार को ही रहेंगे.

बढ़ेगा शनि का प्रभाव : जिस वार से साल की शुरुआत होती है, उस दिन का स्वामी ही वर्ष का राजा होता है. शनि का अपनी ही राशि यानी कुंभ में होना उनकी शक्ति में इजाफा करने वाला रहेगा. नव संवत्सर प्रारंभ होने पर शनि देव ही राजा बन जाएंगे. इसलिए उनका प्रभाव और बढ़ जाएगा. शनि के राजा बनते ही देश में न्याय प्रक्रिया मजबूत होगी और गति पकड़ेगी. भारत समेत धर्म, अध्यात्म, शिक्षा और संस्कृति क्षेत्रों के लोगों का मान-सम्मान बढ़ेगा. मंत्री बृहस्पति के रहते महिलाओं और युवाओं को रोजगार के मौके मिलेंगे. आमदनी के नए रास्ते भी खुलेंगे.

साढ़ेसाती और ढैय्या वाले लोगों को मई से राहत : नए संवत्सर में शनि देव राशि बदलकर कुंभ में प्रवेश करेंगे. जिससे मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती शुरू होने से इनकी परेशानी बढ़ेगी. वहीं, धनु राशि वालों की साढ़ेसाती खत्म होगी और मकर, कुंभ राशि वालों को राहत मिलने लगेगी. वहीं मिथुन और तुला राशि वालों की ढैय्या खत्म होगी और कर्क, वृश्चिक वालों पर शुरू हो जाएगी. शनि के राजा बनने पर सरकार जन हित में कई बड़े कदम उठाएगी. इसका कारण शनि आम जनता का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है. जन कल्याण के कई काम होंगे.

14 अप्रैल को खरमास हो जाएगा खत्म : सूर्य के मीन से मेष में प्रवेश करते ही खरमास खत्म हो जाएगा. ये राशि परिवर्तन 14 अप्रैल को होगा. इसके बाद से मांगलिक कर्म फिर से शुरू हो जाएंगे.

16 अप्रैल को हनुमान जयंती : शनिवार, 16 अप्रैल को हनुमान जंयती है. इसी दिन से वैशाख माह के स्नान शुरू हो जाएंगे. वैशाख माह में पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है.

30 अप्रैल की रात होगा सूर्य ग्रहण : भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल की रात में सूर्य ग्रहण होगा. ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इस वजह से इसका कोई सूतक और धार्मिक मान्यता नहीं रहेगी.

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास बता रहे हैं नौ ग्रहों की राशि परिवर्तन का 12 राशियों पर कैसा असर पड़ेगा-

मेष: आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बीमारी का अंदेशा है.

वृष: प्रमोशन के योग बनेंगे. सेहत संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.

मिथुन: रोजगार मिलेगा. समृद्धि बढ़ेगी.

कर्क: तनाव और दौड़-भाग रहेगी. समस्याएं सुलझ जाएंगी.

सिंह: मेहनत ज्यादा होगी और उसका फायदा मिलेगा.

कन्या: मांगलिक कामों के योग बनेंगे. खर्चा भी बढ़ेगा.

तुला: प्रॉपर्टी खरीदी-बिक्री के साथ ही रियल एस्टेट में निवेश के योग हैं.

वृश्चिक: परिवार से मदद मिलेगी. खर्चों पर नियंत्रण रखें.

धनु: मेहनत के मुताबिक सफलता मिलेगी. संतान संबंधी चिंता रहेगी.

मकर: खर्चा बढ़ेगा. सेहत संबंधी परेशानी भी रहेगी.

कुंभ: सेहत संबंधी परेशानी रहेगी. तनाव बढ़ेगा.

मीन: धन हानि और सेहत संबंधी परेशानी होगी. स्थान परिवर्तन के योग हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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