नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एनएसयूआई ने अग्निपथ योजना पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता पवन खेड़ा और शमा मोहम्मद को बुलाया गया था. कार्यक्रम में पहुंचे नेताओं ने छात्रों से कहा कि देश में जितने भी क्रांति हुए हैं उसमें छात्र आंदोलन का अहम रोल रहा है. कांग्रेस के नेताओं ने अपील की वे अग्निपथ योजना के खिलाफ बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के मौजूदा हालात के बारे में छात्रों ने अपने नेताओं से कई सवाल किए, जिसमें उन्होंने संगठन की कई कमियों को गिनाया.
कार्यक्रम में माैजूद नेताओं ने कहा कि संगठन में सुधार के लिए अभी कई कार्य करने की जरूरत है. दूसरी पार्टियां जिस तरह से अपने संगठन को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही है वहीं इस मामले में कांग्रेस पार्टी अभी काफी पीछे है. छात्रों ने अपने नेताओं को यह भी याद दिलाया कि मौजूदा सरकार जिस तरह से अपनी उपलब्धियों के बल पर वोट बैंक बना रही है, उस प्रकार से कांग्रेस पार्टी ने अपनी उपलब्धियों का इस्तेमाल वोटों के लिए नहीं किया. छात्रों और सीनियर नेताओं द्वारा सवाल-जवाब का दौर काफी देर तक चलता रहा.
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा और शमा मोहम्मद ने यह बात माना कि इन छात्रों ने कई अच्छे अच्छे सुझाव दिए हैं, जिन्हें हम जरूर इस्तेमाल करेंगे. पार्टी की विचारधारा भी यही कहती है कि जहां से भी कोई अच्छा सुझाव मिले उसको मानें. रही बात अग्निपथ याेजना की तो छात्र आंदोलन ने इससे पहले भी कई सरकार की योजनाओं को वापस करने पर मजबूर किया है. हमारी सरकार में भी छात्र आंदोलन के चलते कई योजनाओं को वापस लेना पड़ा है. ऐसे में अपनी गलतियों को अगर सरकार सुधारती है तो इसमें कोई शिकायत वाली बात नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार अग्निपथ योजना को वापस लेती है तो इसका सूत्रधार जेएनयू ही होगा. कार्यक्रम को एनएसयूआई ने आयोजित किया था. अध्यक्षता जेएनयूएनएसयू आई के प्रेजिडेंट विनय यादव ने किया.
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बता दें कि केन्द्र सरकार ने जैसे ही अग्निपथ योजना को लागू करने की घोषणा की थी वैसे ही इसका विरोध शुरू हाे गया. कई राज्याें में विरोध हिंसक रूप ले लिया था. कई जगह ट्रेनों एवं सरकारी सम्पतियों को आग के हवाले कर दिया गया था. इस योजना का सभी विपक्षी पार्टियां ने भी विराेध किया था. जेएनयू में भी इस योजना का जमकर विरोध हुआ था. एनएसयूआई ने भी पिछले दिनों इस योजना का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था.