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मोदी सरकार के फैसले के विरोध में जंतर-मंतर पर हजारों इंजीनियरों का प्रदर्शन

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Published : Feb 23, 2022, 7:52 PM IST

दिल्ली के जंतर-मंतर पर हजारों बेरोजगार इंजीनियर अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. मोदी सरकार ने रेलवे के 'ग्रुप ए' इंजीनियर्स के पदों को इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा से न कराकर सिविल सेवा परीक्षा 2022 से कराने का फैसला किया है. जिसका इंजीनियर विरोध कर रहे हैं.

Demonstration of thousands of engineers at Jantar Mantar in protest against decision of Modi government
Demonstration of thousands of engineers at Jantar Mantar in protest against decision of Modi government

नई दिल्ली : दिल्ली के जंतर-मंतर पर हजारों बेरोजगार इंजीनियर अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. मोदी सरकार ने रेलवे के 'ग्रुप ए' इंजीनियर्स के पदों को इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा से न कराकर सिविल सेवा परीक्षा 2022 से कराने का फैसला किया है. जिसका इंजीनियर विरोध कर रहे हैं. वर्ष 2019 तक रेलवे की ग्रुप-ए इंजीनियर की भर्तियों के लिए यूपीएससी की दो संयुक्त भर्तियां कराई जाती थीं. जिस नियम को 2019 में बदलकर आईआरएमएस बनाने का निर्णय लिया गया. रेलवे में ग्रुप-ए नौकरियों की तैयारी करने वाले युवाओं ने पिछले 3 साल से आईआरएमएस का इंतजार किया, लेकिन भर्ती नहीं निकाली गई. अब इंजीनियरों के लिए नौकरी का कोई मौका नहीं है. ऐसे में सभी को नौकरी पाने के लिए सिर्फ UPSC का ही रास्ता चुनना होगा. सरकार के इसी फैसले का विरोध किया जा रहा है.



'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय महासचिव रजत ने कहा कि सरकार के इस कदम से छात्र ही नहीं रेलवे का भी नुकसान होगा. इस मामले को लेकर सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं. विरोध-प्रदर्शन के क्रम में हजारों की तादाद में इंजीनियरों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में 'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम समेत तमाम कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे शिक्षक रामतीरथ ने बताया कि सरकार ने आईआरएमएस के डेढ़ सौ पदों को यूपीएससी की 2022 संयुक्त परीक्षा से भर्ती करने की घोषणा की है. जिसके विरोध में देशभर के रेलवे भर्ती के इंजीनियर अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं.

मोदी सरकार के फैसले के विरोध में जंतर-मंतर पर हजारों इंजीनियरों का प्रदर्शन


बेरोजगार इंजीनियरों को पूर्ण समर्थन देते हुए 'युवा हल्ला बोल' संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि यह सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. मुनाफा कमाने वाले उपक्रमों को बेचा जा रहा है और घाटे में चल रही कंपनियों को खरीदा जा रहा है. इसी कारण अमीर और अमीर होते जा रहे हैं जबकि गरीब और आम जनता गरीबी बेरोज़गारी महंगाई के गर्त में जा रही है. सरकार अब रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर चुकी है. इसीलिए रेलवे में नौकरियां नहीं दी जा रही हैं. अनुपम ने कहा कि वो इस सरकार की युवा-विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे और जीतेंगे.

Demonstration of thousands of engineers at Jantar Mantar in protest against decision of Modi government
मोदी सरकार के फैसले के विरोध में जंतर-मंतर पर हजारों इंजीनियरों का प्रदर्शन


रितेश राज ने बताया कि वह एक इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज का अभ्यर्थी है. यहां इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के लिए आया है. 2019 में उस समय के रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने बोला था कि वह एक सर्विस सेंटर क्रिएट करेंगे. जिसमें 4 इंजीनियरिंग बैक ग्राउंड और तीन सिविल बैक ग्राउंड से कैडर क्रिएट किया जाएगा. जिसके के बाद आज आया है नोटिफिकेशन. यह कैडर क्रिएट कर लिया है. 10 दिन पहले अश्वनीजी से जब क्वेश्चन पूछा गया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि मुझे सिविल इंजीनियर मैकेनिकल इंजीनियर और इलेक्ट्रिक इंजीनियर की भी जरूरत है. वहां पर उन्होंने स्मूथली टैकल कर लिया. उसको मेरा सवाल यह है कि जब उस दिन आपने कहा उसके बाद आप 10 दिन के बाद यह नोटिफिकेशन कैसे निकाल सकते हैं कि IRMS सिविल सर्विसेज के जरिए होगा. इंजीनियरिंग बैक ग्राउंड का काम आप कैसे सिविल सर्विसेज के जरिए करवा सकते हैं.

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