नई दिल्ली : दिल्ली में तेजी से कम हो रहे कोरोना संक्रमण के बीच दिल्ली वासियों को बहुत जल्द नाइट कर्फ्यू सहित तमाम पाबंदियों से निजात मिल सकती है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शुक्रवार को होने वाली बैठक में इस संबंध में निर्णय लिए जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं. इसकी अहम वजह यह भी है कि दिल्ली में कोरोना के मामले अब रोज 500 से नीचे आ रहे हैं, जबकि संक्रमण दर 1% से नीचे आ चुकी है.
उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी. इसमें मुख्य सचिव विजय देव के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके कैबिनेट सहयोगियों में मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन और कैलाश गहलोत के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. बीके पॉल, आईसीएमआर के महानिदेशक के प्रोफ़ेसर बलराम, भारत एनसीडीसी के निदेशक डॉ. एसके सिंह और एनडीएमए के सदस्य कृष्णा वर्सेस के विशेष तौर पर शामिल किए गए हैं. अधिकारियों के अनुसार ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के अनुसार यलो अलर्ट के तहत अनुसूचित प्रतिबंध अभी भी राजधानी दिल्ली में लागू है. एक अधिकारी ने कहा है कि संक्रमण दर 1% से कम होने पर जीडीए यलो अलर्ट वापस ले सकता है. इसके परिणाम स्वरूप तमाम पाबंदियों को हटाया जा सकता है.
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दिल्ली में लागू प्रमुख पाबंदियों में रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे के बीच रात का कर्फ्यू, रात 8:00 बजे तक गैर जरूरी सामानों की दुकानें बंद करना, रेस्टोरेंट-बार और सिनेमा हॉल में केवल 50% उपस्थिति, शादी समारोह में अधिकतम 200 मेहमानों का शामिल होना, धार्मिक स्थलों पर कोई आगंतुक नहीं, सामाजिक धार्मिक और राजनीतिक सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध है. इसके अलावा कैब और ऑटो रिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों की तादाद भी 50% है. ऑटो रिक्शा में केवल 2 यात्रियों की अनुमति है, जबकि दिल्ली मेट्रो और बसों में किसी को खड़े होकर सफर करने की इजाजत नहीं है. व्यापारी जहां रात्रि कर्फ्यू हटाने, गैरजरूरी दुकानों को रात 8:00 बजे के बाद और साप्ताहिक बाजार को खोलने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं. वहीं सामाजिक-धार्मिक समूह सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग कर रहे हैं. थिएटर समूह और कलाकार भी शहर के कला और संस्कृति के माहौल को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए सभागार और कला केंद्रों को फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं.