नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के मामलों में कमी आ रही है. बावजूद इसके दिल्ली सरकार की तरफ से बाजारों को पूरी तरह से खोले जाने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं आया है. ऐसे में दिल्ली के व्यापारियों का कहना है कि जो ऑड ईवन और वीकेंड कर्फ्यू की डबल मार पड़ रही है, उसकी वजह से इसका असर ना सिर्फ दिल्ली के रिटेल और थोक बाजार पर पड़ रहा, बल्कि इसकी वजह से आसपास के अलग-अलग राज्यों से आने वाले कई शहर के व्यापारियों पर भी असर देखने को मिल रहा है.
व्यापारियों का कहना है कि इलाके के थोक व्यापारियों के पास आसपास के शहरों से लोग ग्राहक सामान खरीदने आया करते थे, लेकिन फिलहाल की स्थिति में वे भी भ्रमित है कि दिल्ली में कौन-कौन सी दुकानें खुल रही है, और कौन से मारकेट चालू है. ऐसे में वह लोग दुकान ही नहीं आ रहे, जिसके चलते व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं ठंड में कई व्यापारी काफी सारा सर्दियों का सामना रखते हैं, ऐसे में सामना समय पर ना बिकने से व्यापारियों का पैसा अटक जाता है. व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह के हालात लगातार पिछले 1 साल से चले आ रहे हैं, अगर आगे भी ऐसे ही रहे तो मार्केट की 50 फीसदी दुकानें बंद होने की कगार पर आ जाएंगी.
साथ ही व्यापारियों का कहना है कि व्यापार तो एक शहर से दूसरे शहर से जुड़ा होता है. अगर एक जगह का व्यापार प्रभावित होता है, तो उससे दूसरे शहरों का व्यापार और व्यापारी प्रभावित होते हैं. साथ ही इसका असर ग्राहकों पर पड़ता है. साथ ही खराब होने वाले आइटम को लंबे समय तक रखने पर भी व्यापारियों को काफी घाटा उठाना पड़ता है. ऐसे में सरकार को कोविड-गाइडलाइन्स के साथ दुकानों को खोलने की राहत देनी चाहिए.
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