नई दिल्लीः लगातार प्रदूषण की मार झेल रहे राजधानी के लोगों को इससे मामूली राहत मिली है. आज सुबह दस बजे दिल्ली का AQI 350 दर्ज किया गया है. स्तर पिछले दिनों के स्तर से बेशक कम है लेकिन बहुत ख़राब श्रेणी में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में है, वहीं कई इलाकों में बहुत खराब श्रेणी में है. दिल्ली के ओवरऑल प्रदूषण स्तर की बात करें, तो दिल्ली का औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) आज 350 दर्ज किया गया है. AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में है, इसके बावजूद बीते सप्ताह की तुलना में मामूली सुधार हुआ है. वहीं, एनसीआर की बात करें तो गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में प्रदूषण स्तर अत्यंत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है, वहीं गुरुग्राम में प्रदूषण स्तर भी खराब स्थिति में है. आइये दिल्ली-NCR के अलग-अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर जानते हैं.
आईए जानते हैं दिल्ली-NCR में आज का प्रदूषण का स्तर-
दिल्ली के इलाकों के हिसाब से देखें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी इलाके में ये 377, मथुरा रोड पर 375, आयानगर में 339 और IGI एयरपोर्ट पर 349 दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक हवाओं की गति बढ़ने से बदलाव आया है जो एक बड़ी राहत है. इसमें अभी थोड़ी और राहत की उम्मीद की जा सकती है.
आईए जानते हैं दिल्ली के विभिन्न इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली के इलाके | प्रदूषण स्तर (AQI) |
दिल्ली यूनिवर्सिटी | 377 |
मथुरा रोड | 375 |
आयानगर | 339 |
IGI एयरपोर्ट | 349 |
उधर दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निजात पाने के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ़' कैंपेन का दूसरा चरण शुरू कर दिया है. बीते दिन दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने ख़ुद इस सम्बंध में ITO पर लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया. उधर सरकार अन्य अभियानों से भी प्रदूषण स्तर को रोकने की कोशिश कर रही है. ऐसे में 21 नवंबर तक दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और लाइब्रेरी पर खोलने पर रोक लगी है. इसे अलग कन्स्ट्रक्शन और इंडस्ट्री संबंधी सभी गतिविधियां बंद हैं.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
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