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'द कश्मीर फाइल्स' फ़िल्म को लेकर बढ़ सकता है तनाव, स्पेशल ब्रांच का खुलासा

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Published : Mar 16, 2022, 10:31 AM IST

दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के रिलीज होने के बाद दो समुदायों के बीच तनाव की संभावनाएं जताते हुए कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया है. यह वह क्षेत्र हैं जहां दोनों समुदाय के लोग रहते हैं.

'द कश्मीर फाइल्स'
'द कश्मीर फाइल्स'

नई दिल्ली: 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के रिलीज होने से दो समुदायों के बीच तनाव होने की संभावना है. एक समुदाय जहां फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग कर रहा है तो वहीं दूसरा समुदाय इस पर बैन लगाने की मांग कर रहा है. ऐसे में दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करें जहां पर दोनों समुदाय के लोग रहते हैं. वहां पर खासतौर से महिला पुलिसकर्मी, पीसीआर और ट्रैफिक पुलिस के जवानों को भी तैनात किया जाए.


स्पेशल सेल ब्रांच की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 11 मार्च को विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' रिलीज हुई है. यह फिल्म कश्मीरी पंडितों के जीवन और वास्तविक घटनाओं पर बनाई गई है. इसमें कश्मीरी हिंदुओं पर हुई बर्बरता को दिखाया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरीके से कश्मीरी पंडितों का गला काटा गया. इसकी वजह से समाज की भावनाएं आहत हो सकती हैं. यह कहा जा रहा है कि एक तरफा फिल्म दिखाने की वजह से कर्नाटक में लोगों ने इस फिल्म का विरोध शुरू कर दिया है. कुछ सिनेमा हॉल में आतंकियों और भारत के दुश्मनों के खिलाफ नारेबाजी हुई है.


स्पेशल ब्रांच के पत्र में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में भयानक दंगे हो चुके हैं. अभी भी हिजाब को लेकर विवाद चल रहा है और हरिद्वार धर्म संसद में एक समुदाय के खिलाफ बोला गया है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि एक छोटी सी घटना भी दोनों समुदाय में तनाव पैदा कर सकती है. इससे कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है. जहां एक समुदाय इस फिल्म के खिलाफ है और इस पर बैन लगाने की मांग कर रहा है. वहीं दूसरा समुदाय देशभर में इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग कर रहा है.


स्पेशल ब्रांच ने कहा है कि इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली के सभी जिलों में कानून व्यवस्था को मजबूत करना आवश्यक है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी जिला डीसीपी अपने-अपने क्षेत्र में उन जगहों पर ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात रखें जहां दोनों समुदाय के लोग रहते हैं. खासतौर से महिला पुलिसकर्मियों की संख्या को बढ़ाया जाए. पीसीआर और ट्रैफिक पुलिस को भी ऐसे क्षेत्रों में तैनात किया जाए.

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